प्रशासन देखता रहा और ग्राम पंचायत सांगींतराई की 20 एकड़ सरकारी जमीन माफियाओं ने बेच डाला…।।

कलेक्टर विहीन रायगढ़ में सरकारी जमीन की अवैध खरीद बिक्री,अवैध प्लाटिंग का काम जोरों पर..।।
देर से जागे प्रशासन ने जांच शुरू की जल्दी ही सभी अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे
सिंहघोष/रायगढ़.31.01.23. बीते सात महीनों से कलेक्टर विहीन रहे रायगढ़ में जैसे ही प्रशासनिक अमला ढीला पड़ा,शहर के भूमाफिया सक्रिय हो गए। यही वजह रही कि आए दिन समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों में शहर की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे,खरीद_बिक्री के अलावा अवैध प्लाटिंग की खबरें प्रकाशित होने लगी। कुछेक जगहों पर प्रशासन ने दिखावे की कार्यवाही भी की,जो नाकाफी साबित हुई।
जानकारों की माने तो जिला मुख्यालय से तत्तकालिन कलेक्टर रानू साहू का लगातार अनुपस्थित रहना ऐसी घटनाओं को बल देने लगा। शहर के कई इलाकों में रिक्त पड़ी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे का दौर शुरू हो गया। खास कर बड़े रामपुर,विजयपुर, बोईरदादर,अतरमुड़ा,कौहाकुंडा कोतरा रोड बाईपास,बांझी नपाली और सांगीतराई में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की बाढ़ सी आ गई।
इस क्रम में ट्रांसपोर्ट नगर के पास रिक्त पड़ी बेशकीमती सरकारी ज़मीन (जो बिलासपुर मार्ग ट्रांसपोर्ट नगर के पास सांगीतराई में 40 मीटर दूरी पर स्थित है) में पिछले कुछ महीनों से स्थानीय भू माफियाओं के द्वारा लगातार बेचे जाने की खबरें प्रकाशित होने लगी थी। खबरों में यह लिखा जा रहा था कि ग्राम पंचायत सांगीतराई में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त जमीन माफियाओं का एक समूह के द्वारा बाहरी प्रांत के दर्जनों लोगों को गांव की रिक्त पड़ी सरकारी जमीन को अवैध तरीके से प्लॉट काट कर बेचा जा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन सतर्क नही हुआ। धीरे धीरे गांव की लगभग 20 एकड़ शासकीय भूमि जिसका मूल खसरा नं 320 है,इस भूमि के 80 फीसदी भाग पर आज अनेकों पक्के और अवैध निर्माण हो गए । स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी बीच क्षेत्र के दो दबंग और अपराधिक पृष्ठ भूमि के जमीन दलालों के बीच जमीन कब्जे को लेकर जमकर विवाद हुआ। जिसकी खबर जुट मिल पुलिस के अलावा प्रशासन तक पहुंची।
इसके बाद आनंदफानन में सक्रिय हुए प्रशासन ने मौके का निरीक्षण करना निश्चित किया। तहसीलदार रायगढ़ के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई जो शनिवार के दिन ग्राम पंचायत सांगीतराई पहुंची। इसके बाद उक्त सरकारी जमीन का स्थल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया कि इस शासकीय भूमि पर कई लोगों अवैध कब्जा और निर्माण हो चुका है। जिन्हे चिन्हांकित करने के बाद समय रहते उचित कार्यवाही किया जाना बेहद जरूरी है। ताकि इस बेशकीमती सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया जा सके। उक्त मामले में सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह रही है कि ग्राम पंचायत की उक्त शासकीय भूमि को महीनों से कई टुकड़ों में अलगअलग लोगों को बेचा जा रहा था और खरीददारों ने शासकीय जमीन पर लगातार अवैध निर्माण भी करना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद पूरे घटना क्रम में ग्राम पंचायत के किसी जन प्रतिनिधि और सरपंच लखन पटेल ने कोई आपत्ति नहीं जताई न ही प्रशासन को किसी प्रकार की सूचना दी। वहीं सूत्रों की मानें तो गांव के सरपंच की सहमति से ही यह सब कुछ चल रहा था। इसके बिना कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन की अवैध खरीद बिक्री व अवैध कब्जे जेसे कृत्य को अंजाम नही दे सकता है।
वही घटना को लेकर जब हमने सरपंच लखन पटेल से फोन पर बात की तो उसने बताया कि ये आरोप गलत है,शासकीय जमीन की सुरक्षा शासन के हाथ में है शासनप्रशासन जिस तरह की कार्यवाही करेगा ग्राम पंचायत उसके साथ रहेगा। लखन पटेल सरपंच ग्राम पंचायत सांगीतराई
वहीं हल्का पटवारी ने बताया कि ये सही बात है कि उक्त शासकीय भूमि पर कब्जे का दौर पिछले कुछ महीनों से लगातार चलते आ रहा है। सूचना पर तहसीलदार महोदय के साथ प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची थी। मौके पर जिन दो लोगों का बड़ा अवैध कब्जा पाया गया उनका नाम धूपचंद यादव और ब्रजेश है। इसके अलावा कई अन्य लोगों के अवैध कब्जे और निर्माण है,यह सोमवार पुनः स्थल निरीक्षण के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। सरकारी जमीन किसके द्वारा बेची जा रही है,उसका उल्लेख जांच रिपोर्ट में किया जाएगा।
_पुष्पा राठिया हल्का पटवारी सांगीतराई