रायगढ़

लॉकडाउन के देवदूत शहर के युवा “कोई भूखा न रहे” अभियान चला रही कार्डिनल चार्जर्स…। “कोविड-19 सहायता रायगढ़” से मिल रही लोगों को इलाज संबंधी जानकारी..।।

सिंहघोष/रायगढ़- “कोई भूखा न रहे" और कोविड 19 सहायता, रायगढ़’ जैसा अभियान शहर के युवाओं ने इस कोरोना संक्रमण के दौर में चला रखी है। अलग अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले यह युवा लॉकडाउन के समय शहरवासियों के लिए देवदूत बनकर सामने आए हैं। भोजन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी कार्डिनल चार्जर्स ने कोई भूखा न रहे’ नाम से अभियान चला रही है तो अस्पताल, दवा व मेडिकल संबंधी जानकारी के लिए सोशल ग्रुपकोविड 19 सहायता, रायगढ़’ है।
कोरोना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए जिले में 16 मई तक लॉकडाउन लगा है और सिर्फ जरूरी सुविधाओं को छोड़कर बाकी अन्य गतिविधियां पर रोक लगी है। ऐसे में कई लोगों के सामने खाना खाने की समस्या आन खड़ी हुई है हालांकि जिला प्रशासन ने इन लोगों के लिए सूखा राशन व अन्य स्त्रोतों से पका हुआ भोजन दे रही है। इनके हाथ को और मजबूत कर रही है कार्डिनल चार्जर्स। कार्डिनल के युवा सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बीते 17 दिन से 300 लोगों के एक वक्त का भोजन बना रही है और उसे जरूरमंदों में बांट रही है। यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग, बाहर से आए कोरोना मरीज के तीमारदारों को युवाओं का यह ग्रुप भोजन उनके पास पहुंचा रहा है।
कार्डिनल चार्जर्स के अध्यक्ष अरूण उपाध्याय बताते हैं: “हमारे ग्रुप में करीब 50 लोग हैं| सभी युवा हैं| हम सालभर सुबह फिजिकल एक्टिविटी करते हैं| लॉकडाउन की वजह से हमारा खेलना बंद है और ऑफिस का काम या तो वर्क फ्रॉम होम या फिर छुट्टी मोड में है, ऐसे में हमने निशुल्क खाना देने की योजना बनाई। शुरू दिन तो हमने 100 लोगों का खाना बनाया लेकिन लोगों के रिस्पांस को देखते हुए अब यह 300 से लोगों का खाना बनाया जा रहा है। दो दिन पहले हमारे कुछ सीनियर्स ने हमसे फंडिंग के बारे में पूछा तो हमने बताया कि अपने बलबूते कर रहे हैं तो उन्होंने हमारी मुहिम को सोशल मीडिया में डाला और अब हमारे पास कुछ पैसे व सहयोग आने लगे हैं। इसने हमारा उत्साहवर्धन किया है।“
सचिव विशाल चंद्रा कहते हैं: “ आने वाले कुछ दिन कोरोना संक्रमण के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं| हम जो खाना बनाते हैं उसमें बहुत कम लोग शामिल रहते हैं, विश्वैश्वरय्या मैदान जैसे बड़े इलाके में हम खाना बनाते हैं और पैकिंग करते हैं| फिर हमारे साथी जरूरतमंदों में इसे बांट देते हैं, कोविड गाइडलाइन का हम पूरी तरह से पालन करते हैं।“
कोविड 19 सहायता, रायगढ़’ सोशल ग्रुप चलाने वालों में से एक व कृषि अधिकारी अमित पटेल बताते हैं वह अमित वेलनेस मिशन के तौर पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में बीते दो साल से लगे हुए है| हमारे मैसेज के नंबर किसी के लिए यह सिर्फ एक नंबर हो सकता है लेकिन जो सच मे जरूरतमंद हैं उनके लिए किसी जीवनरक्षक देवदूत से कम नहीं । “कोविड संक्रमण काल में मेरे और मेरे मित्रों से जो सहायता उपलब्ध कराते बन पाता है उसे हम कराते हैं। हम लगातार ऑक्सीजनेटेड बेड, आईसीयू की स्थिति, ब्लड और दवाईओं के बारे में अपडेट लेते रहते हैं |जैसे ही हमारे पास कोई इनक्वायरी आती है हम उसकी समस्या को सुलझाने में अपनी पूरी जानकारी झोंक देते हैं।विभिन्न ग्रुप से जुड़कर सरकारी गाईड लाइन से लेकर ,कंट्रोल रूम नंबर,निःशुल्क भोजन के लिए नंबर ,समाज सेवी संस्थाओं की सेवा ,फ्री एम्बुलेंस नंबर,बेड की स्थिति,ब्लड हेल्प नंबर,ई पास की जानकारी, डॉक्टर के नंबर,ऑनलाइन टेलीमेडिसिन के लिए डॉक्टर और तमाम वह नंबर जो एक कोरोना पीड़ित के काम आ सकती है उपलब्ध कराते हैं| अभी तक हमने 500 से ज्यादा लोगों की मदद की है और हम आगे भी करते रहेंगे।‘’

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