रायगढ़

मजदूरों की मौत मामले में दोषियों की बढ़ेंगी मुश्किलें… । कोविड काल के दौरान रशुखदार कारोबारी के अवैध निर्माण में करेंट लगने से दो ग्रामीण मजदूरों की दर्दनाक मौत के मामले में पुनः जांच की मांग….।

अपडेट-प्रशासन हुवा सक्रिय,पीड़ित परिवार पुलिस अधीक्षक से करेंगे शिकायत…।।

सिंहघोष/रायगढ़/कोसीर-19.10.21- जिला कलेक्टर भीम सिंह के जन दरबार में आज दोपहर ग्राम पंचायत कोसीर के अंडोला गांव से कुछ ग्रामीण जिले के सक्रिय मजदूर नेताओ के साथ मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपने आये थे।

ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि बीते वर्ष 17 दिसम्बर 2020 को शहर के वृंदावन कालोनी में निर्माणाधीन मकान के पास स्थित हाइ टेंशन तार की चपेट में आ कर दो गरीब ग्रामीण मजदूरों की मौत हो गई थी। यह मामला प्रभावशाली दोषियों को लाभ दिलाने के लिहाज अब दबा दिया है। जबकि यह घटना कोविड काल मे देर रात करीब 10 बजे घटित हुई थी। इस घटना की दुबारा से निष्पक्ष जांच की जाएं। यह हादसा इतना भयावह था कि
पुलिस से लेकर प्रशासन तक के कान खड़े हो गए थे। हालांकि घर मालिक और ठेकेदार की शह पर घटना की जानकारी पूरी रात रोकी गई। किसी तरह सुबह परिजनों को सुबह पता चला। फिर बात मीडिया तक पहुंची। ऐसे में जब लोगो के मुंह से तमाम तरह के सवाल खड़े होने लगे थे। हालाकि परेशान होकर प्रशासन ने आनन-फानन में घटना की जांच के लिए एक टीम का गठन किया। इधर थाना कोतरा रोड ने अतिरिक्त जांच खोली। जांच के प्राथमिक चरण में ही यह स्पष्ट हो गया कि घटना के लिए निर्माणधीन घर मालिक अनिल केड़िया और ठेकेदार मुकेश गोयल दोषी है। साथ ही निगम प्रशासन ने यह भी पाया कि मकान का निर्माण भी निर्माण अनुमति से अधिक क्षेत्र में अवैध तरीके से कियॉ गया है। वही कोतरा रोड थाना प्रभारी चमन सिन्हा ने जांच उपरांत दोनों के विरुद्ध अपराध भी पंजीबद्ध किया था। शुरुवाती उठा-पटक के कुछ दिनों बाद मामला डंडे बस्ते में डाल दिया गया। और वही हुआ जो हर बार रसूकदार व्यक्तियों के पक्ष में प्रशासन करता रहा है। सब कुछ दोषियों के पक्ष में करते हुए मृत गरीब मजदूरों के परिजनों को महज कुछ हजार रुपये की मदद देकर मामले को दबा दिया गया।

इस घटना के बाद सबसे बुरा मृत मजदूरों के परिजनों के साथ हुआ। ग्राम अंडोला निवासी बेहद गरीब मजदूर की विधवा पत्नि से मिलने जब मजदूर नेता और पत्रकार उसके गांव पहुंचे तो पाया कि मृतक घर का इकलौता कमाऊ था। उसकी दर्दनाक मौत के बाद कुछ हजार रुपये देकर सेठ और ठेकेदार ने उनकी तरफ झांका भी नही। आज मृतक की विधवा पत्नि पांच लकड़ियों व दो लड़कों का भरण पोषण बेहद बुरे हालातों में कर रही है। घटना के बारे में पूछते ही उसकी आंखें डबडबा आई। उसने घटना के दोषियों और उनकी मदद करने वाले बेईमान सरकारी अफसरों को भरपूर बद्दुआएं दी। और बताया प्रशासन ने भी उनकी अब तक कोई मदद नही की है। आज उक्त मामले में दुबारा से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कुछ जागरूक लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया है। अब आगे यह देखना लाजिमी होगा कि घटना के दोषियों के विरूद्ध प्रशासन दुबारा जांच कब खोलता है.?

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