और इस तरह हमने फिर एक जिंदगी बचा ली – नितिन सिन्हा

शाम कार दुर्घटना में घायल युवक सड़क पर दर्द से घण्टे भर तक तड़पता रहा,कोई मदद नही आने पर आखिर कार पत्रकारों ने ही उसे अपनी गाड़ी में सही समय पर अस्पताल पहुंचाया..
आज शाम कोविड अस्पताल से करीब 3 किमी दूर हम चार लोग कुछ काम से ग्राम नावापाली तहसील पुसौर थाना चक्रधरनगर की तरफ मेरी suv गाड़ी से गए हुए थे।
थोड़ी ही देरी पर एक युवक ने हमें सूचना दी कि यहां से करीब 3 मीटर की दूरी पर एक कार का जबरदस्त एक्सीडेंट हो गया है। जिसमे सवार चार में से तीन युवक घायल है,उनमे से एक की हालत बहुत ज्यादा नाजुक है वह खुन से तर बतर है और सड़क के किनारे दर्द से तड़प रहा है,आप समाचार ले सकते हैं।। हम बिना समय गंवाए घटना स्थल पर पहुंच गए। जहां देखने पर पाया कि एक स्लेटी कलर की नई हुंडई i 20 मैग्ना कार जिसका नम्बर cg 13 ag 1270 है (गाड़ी किसी संजय सिंह खालसा की बताई गई) वह मोड़ पर तेज गति से चलाए जाने के कारण अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे पेड़ से टकराते हुए करीब 10 फ़ीट गहरे गड्ढे में जा घुसी थी। ग्रामीणों के सहयोग से कार में सवार सभी चार आहतों को कार से बाहर निकाला गया था। जिसमें से तीन युवक सामान्य रूप से चोटिल हुए थे। जबकि कार चला रहा 35 साल का युवक मलिक जो मूलतः उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर का रहने वाला है और वर्तमान में शहर के कोतरा रोड में रहकर jsw प्लांट में नौकरी करता है। वह बुरी तरह से घायल हो चुका था। उसके मुंह से खून बह रहा था और उसको गम्भीर अंदरूनी चोटें आई थी। युवक दर्द से कराहते हुए बार-बार अचेत हो जा रहा था। जबकि दो सामान्य रुप से घायल युवकों के शरीर से खून बह रहा था।। हमारे आने के बाद कुछ अन्य राहगीर और ग्रामीण भी वहां आ पहुंचे घायलों को पानी देकर घाव धुलवाया गया। इधर मेरे अलावा अन्य तीन साथियों (यशवंत भाई,अक्षय स्वर्णकार और अखिलेश मौर्य)ने आपात सेवा 112 और 108 को लगातार काल किया.परन्तु 15 से 20 मिनट तक मदद का कोई आसार नही दिखा। कुछ देर में यसवंत भाई के पास काल आया कि घटना स्थल पर 108 एम्बुलेश नही आ पाएगी। अब बची 112 सेवा वह भी नही आ पाई थी इधर खून से लथपथ दर्द से तड़पते घायल jsw कर्मी मलिक की हालत लगातार बिगड़ रही थी। घटना स्थल मदद के आने की उम्मीद में और अधिक देर तक रुकना सही नही लग रहा था। मेरे मन मे आया कि फौरन घायल मलिक को अपनी suv गाड़ी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया जाए। इधर मेरे मन की बात और मौका ए हालात को भांपते हुए घायल कर सवारों ने अपील की कि आप अपनी गाड़ी में कृपा कर हमारे साथी को अस्पताल तक शीघ्रता से पहुंचा दें। उसकी हालत देखकर बाकी हमारे साथी समझ नही पा रहे थे कि गम्भीर रूप से घायल युवक मलिक अस्पताल तक पहुँच भी पायेगा या बीच रास्ते मे ही उसके प्राण निकल जाएंगे।। ऐसा हुआ तो कहीं हम खांमखा एक नए कानूनी पचड़े में भी फंस जाएंगे।। उपर से कोरोना संक्रमण का भय भी साथियों के मन मे बना हुआ था।। आखिरकार हम सबने तय किया कि आगे जो होगा वो देखा जाएगा, अभी तो घायल युवक को शीघ्रता से अस्पताल पहुंचाया जाना जरूरी है। मैने बिना समय गंवाए अपने साथ रखे गमछे से घायल का घाव जिससे खून बह रहा था उसे साफ करवाया और गाड़ी की बीच सीट पर उसे लिटाते हुए उसके अन्य दो साथीयों को साथ लेकर घटना स्थल से 7 किमी दूर जिला अस्पताल के केजुवल्टी वार्ड की तरफ निकल पड़े। 15 मिनट के सफर में रास्ते भर घायल jsw कर्मी युवक दर्द से ऐसे तड़पता रहा जैसे मानो उसकी जान अब या तब निकल जाएगी। वह इस अवस्था में भी अपने घर के सभी सदशयों को याद करता हुआ बड़बड़ाता रहा। परन्तु हमने उसके हाँथ पैर की मालिस जारी रखते हुए उससे बातचीत करते रहे और उसे अचेत होने नही दिया।। आख़िरकार 15 से 20 मिनट के बाद हम kgh अस्पताल के केजुवल्टी विभाग में आ पहुंचे। जहां घायल युवक को शीघ्रता से भर्ती करवाया। फिर उसके साथी युवकों अस्पताल की प्रक्रियाओं की जानकारी देकर,अस्पताल चौकी में घटना की सूचना दर्ज कराई और केजुवल्टी स्टाफ को समझाइस देकर वापस अपने गंतव्य की तरफ लौट आए।पोस्ट लिखे जाने तक घायल jsw कर्मी की हालत स्थिर बनी हुई है।। डॉक्टर बता रहे है कि उसे गम्भीर आंतरिक चोटें जरूर आई है। इस वजह से अगले कुछ घण्टे उसके लिए महत्वपूर्ण हैं। हमने कुछ प्राथमिक जांच की है जिसकी रिपोर्ट आते ही उसके अनुसार हम घायल का बेहतर इलाज चालू करेंगे।। परन्तु ये भी सही है कि आप लोगो के द्वारा उसे सही वक्त पर अस्पताल पहुंचा देने से ही उसकी जान बच पाई है।।
धन्यवाद,
यशवंत भाई,अक्षय भाई और अखिलेश मौर्य का आप सबके सहयोग से आज फिर हमने एक जान