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जान जोखिम में डालकर शहर की सड़कों के बीच गोवंश को पकड़ते निगम कर्मचारी… सुरक्षा को लेकर उठते सवाल..!!

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सुरक्षा के नाम पर सिर्फ चप्पल और ट्रैफिक जैकेट..? एक्सक्लूसिव वीडियो में देखें कितना जोखिम है इसमे और क्यों जरूरी है इनको सुरक्षा उपकरण..?

सिंहघोष/रायगढ़-हाल ही में कुछ दिन पहले सड़क दुर्धटना वृंदावन चौक मैं 6 गायों की मौत पर पूरे रायगढ़ जिले में आक्रोश देखने को मिला। सोशल मीडिया में लोगों ने जमकर भड़ास निकाली। प्रिंटमीडिया में भी यह हेड लाइन बना। यह आक्रोश को देखकर नगर निगम रायगढ़ के आंखों की पट्टी हटी। हालांकि नए निगम कमिश्नर को आये अभी एक महीना भी नहीं बीता, इसलिए उन पर सवाल उठाना तो अभी वाजिब नहीं। मगर निगम मे मातहत कर्मचारियों की कार्यशैली किसी से छुपी नहीं है..? शहर में घूमते हुए गोवंश ओं के लिए कई बार आवाज उठाई गई है, मगर परिणाम सबको मालूम है। भला हुआ कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसी हफ्ते गोवंश के लिए महत्वकांक्षी योजना गोवंश न्याय योजना को अतिशीघ्र पटल पर लाने की बात कही। जिसमें आवारा घूम रहे गोवंश के लिए गौशाला बनाने की बात कही गई। रोका-छेका अभियान का भी शुरुआत किया गया।

सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र में इसकी जवाबदारी निगम को दी गई। आवारा पशुओं को पकड़ कर उनके चारे पानी का प्रबंध करना। उनके लिए गौशाला के लिए जगह को चिन्हित करना। यह सब कुछ निगम के जिम्मे है। निगम के द्वारा जिले के सड़को गलियों में घूम रहे आवारा मवेशियों पर धरपकड़ की कार्यवाही शाम के समय बीते 1 हफ्ते से की जा रही है, परंतु आवारा पशुओं को पकड़ने वाले युवकों की जान जोखिम में डालकर…? कम से कम नीचे दिए गए वीडियो को देखकर तो ऐसा ही लगता है। यह वीडियो 26 जून की शाम कोतरा रोड क्षेत्र का है

बिना सुरक्षा व्यवस्था के पशुओं को पकड़ने की कार्यवाही भगवान भरोसे..? वीडियो को देखने के बाद सुरक्षा ऐसे के महत्वपूर्ण बिंदु है जो काफी गंभीर है।

इनको गोवंश को पकड़ने गए किसी भी कर्मचारी के पैर में सेफ्टी शूज तो दूर सभी चप्पल पहने हुए थे। ऐसे में यदि इनको गोवंश का खुर किसी के पैर पर लग जाए तो अंजाम क्या होगा? यह तो जिस पर बीतेगी वही जानेगा।

दूसरी बात इन्होंने सिर्फ एक ट्रैफिक जैकेट पहना हुआ था। जो गोवंश के सिर के द्वारा की गई चोट के स्थिति में काफी गंभीर साबित होगा। अगर चोट लगी तो इससे छाती की पसलियों को भी नुकसान हो सकता है।

क्रिकेट के खिलाड़ी ड्यूस बॉल से अपने नाजुक अंग बचने के लिए डबन का इस्तेमाल करते हैं। जिस प्रकार के झूमा झटकी इस वीडियो में देखने को मिली। ऐसे में शरीर के नाजुक अंग में चोट लगने की संभावना को इनकार नहीं किया जा सकता।

इनके सर पर भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं था। जिस प्रकार बीच सड़क पर गाय को पकड़ने के लिए झूमा झटकी हो रही थी। ऐसे में झटके से रोड के डिवाइडर या किसी दूसरी चीज सभी टकराने का खतरा है। जिससे सर पर चोट लगने की भी संभावना है। जो काफी गंभीर हो सकती है।

बीते दिनों गोवंश को पकड़ने के चक्कर में एक कर्मचारी को काफी ज्यादा चोटे देखने को मिली। उसे कुछ टांके भी लगे हैं। लेकिन नौकरी चले जाने के डर से उसने हमे यह बात केवल अपने तक सिमित रखने को बोला और हमने भी उस गरीब कर्मचारी की बातों का मान रखा, और उसका नाम गुप्त रखा है। मगर ऐसा दोबारा ना हो इसके लिए प्रशासन और आम जन तक आवाज उठानी जरूरी थी। RIG24 परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हमेशा है, और आगे भी रहेगी।
इस बारे में हमने नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर आशुतोष पांडे से भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि
अभी सड़कों पर घूम रहे गोवंश के लिए एक गौ सेवा समिति को देखभाल के लिए कहा गया है। उनके लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है और शेड का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में उच्च स्तरीय गौठान के लिए जगह चिन्हित की जा रही है। जहां चारागाह की भी व्यवस्था होगी।
इसके बाद इन पशुओं को पकड़ने जा रहे कर्मचारियों की सुरक्षा और चोट लगने की स्थिति पर पर हमने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि
निगम के कर्मचारियों अधिकारियों का सुरक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उनके लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था है। गोवंश को पकड़ने जाने वाले सभी एक्सपर्ट लोग हैं और इसके लिए प्रशिक्षित भी हैं।

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