रायगढ़

अनाथ बच्चों का भविष्य संवारेगा जिंदल चिल्ड्रन होम…।।

जेएसपीएल फाउंडेशन ने तमनार के सावित्री नगर में की जिंदल चिल्ड्रन होम की स्थापना

लड़कियों और लड़कों के लिए 50-50 की क्षमता वाले दो सर्वसुविधायुक्त भवन

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया लोकार्पण,कहा- जेएसपीएल फाउंडेशन की यह पहल प्रेरणादायी

सिंहघोष/रायगढ़-०९.०३.२२-जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा अनाथ बच्चों के जीवनस्तर में सुधार करने और उनके उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तमनार के सावित्रीनगर में नवनिर्मित जिंदल चिल्ड्रन होम का ऑनलाइन लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जेएसपीएल के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल एवं जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिंदल की उपस्थिति में बुधवार को किया। 50 लड़कियों और 50 लड़कों की क्षमता वाले दो भवनों में नवनिर्मित जिंदल चिल्ड्रन होम मेें बच्चों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही उनके व्यक्तित्व और कौशल विकास का भी प्रयास होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए इसे प्रेरणादायी बताया।

समावेशी भारत के निर्माण और देशवासियों के समग्र विकास के अपने उद्देश्य की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए जिंदल स्टील एंड पॉवर की सीएसआर इकाई जेएसपीएल फाउंडेशन ने रायगढ़ जिले के तमनार में जिंदल चिल्ड्रन होम का निर्माण किया है। यहां अनाथ लड़कियों और लड़कों के रहने के लिए 50-50 बच्चों की क्षमता वाले दो अलग-अलग भवन बनाए गए हैं। बुधवार को इन भवनों का ऑनलाइन लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रहे। कलेक्टर रायगढ़ श्री भीम सिंह, जिला पंचायत सीईओ रवि मित्तल ने भी आयोजन में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा वंचित बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए की गई इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘किसी भी उद्योग की उन्नति में समाज का बड़ा योगदान होता है। सामाजिक विकास के बिना औद्योगिक विकास की परिकल्पना संभव नहीं है। प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उद्योग जगत से भी सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा है। मुझे खुशी है कि प्रदेश के बड़े निजी उद्योग समूह के तौर पर जेएसपीएल समूह अपनी इस जिम्मेदारी का पूरी प्रतिबद्धता से निर्वहन कर रहा है। तमनार जैसे दूरस्थ क्षेत्र में सर्वसुविधायुक्त चिल्ड्रन होम की स्थापना बेहद प्रशंसनीय काम है। इससे पहले भी जेएसपीएल फाउंडेशन स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, पेयजल, स्वच्छता, खेलकूद, कला-संस्कृति, पर्यावरण संवर्धन सहित विविध क्षेत्रों में सामाजिक विकास की कई परियोजनाओं पर बेहतर काम कर रहा है। कोरोना महामारी के कठिन दौर में भी समूह ने न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के जरूरतमंदों तक हरसंभव सहयोग प्रदान किया। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ की ऑक्सीजन से देश के कई राज्यों के मरीजों को नयी जिंदगी मिली।‘

जेएसपीएल के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘जेएसपी की नीतियों में हमेशा पीपल फर्स्ट-नेशन फर्स्ट रहा है। कोरोना महामारी में देश में कई बच्चे अनाथ हो गए। ऐसे बच्चों के भविष्य के लिए कुछ करने की हमारी सोच थी। हम इन बच्चों को घर, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ अच्छी परवरिश देना चाहते हैं। हम छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन के आभारी हैं, जिन्होंने इस सपने को साकार करने में हमारा सहयोग किया। मुझे विश्वास है कि हम सभी मिलकर बच्चों के भविष्य को एक नई दिशा देने में कामयाब होंगे। रायगढ़ में जल्द ही एक वृद्धाश्रम भी शुरू करने की हमारी योजना है, जहां बुजुर्गों का ध्यान रखा जाएगा।‘

जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिंदल ने इस अवसर पर कहा कि ‘जेएसपीएल फाउंडेशन देशभर में समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सदैव समर्पित है। सामाजिक रूप से कमजोर लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। देशभर में 20 लाख से अधिक परिवार अपने भविष्य को आकार देने के लिए जेएसपीएल एवं जेएसपीएल फाउंडेशन के साथ साझेदारी कर रहे हैं। हम प्रतिदिन 5 हजार से अधिक बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। 1 लाख, 80 हजार बेटियों को एनीमिया से मुक्त कराने में हमें सफलता मिली है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि अपनी फ्लैगशिप परियोजना आशा-द होप के माध्यम से जेएसपीएल फाउंडेशन ने 5 हजार से अधिक बच्चों का पुनर्वास कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा में 1500 से अधिक महिलाओं और 12 हजार से अधिक किसानों की आय दोगुनी कर उन्हें सक्षम बनाने में योगदान दिया गया है।‘

श्रीमती जिंदल ने कहा कि ‘आज का यह कार्यक्रम जेएसपीएल फाउंडेशन के सफर में मील का पत्थर है। हमने अपने संसाधनों से तमनार में 44 हजार वर्गफीट क्षेत्र में दो जिंदल चिल्ड्रन होम बनवाए हैं। इनमें कुल 100 बच्चों की क्षमता है। यहां बच्चों के लिए पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, संगीत, चित्रकला, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। साथ ही इन बच्चों को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के योग्य भी बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें।‘ श्रीमती जिंदल ने चिल्ड्रन होम की स्थापना में सहयोग प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने बताया कि जिंदल चिल्ड्रन होम का संचालन रावा अकादमी के माध्यम से किया जाएगा। यह अकादमी ओडिशा में 6 बाल आवासों का संचालन करते हुए 500 से अधिक अनाथ बच्चों का भविष्य संवारने का काम कर रही है।

जिंदल चिल्ड्रन होम में निशुल्क मिलेंगी ये सुविधाएं

  • सुसज्जित डाइनिंग हॉल एवं स्वच्छ-पौष्टिक आहार के लिए रसोई
  • सर्वसुविधायुक्त डॉरमैट्री
  • टीवी, ऑडियो-विजुअल उपकरण, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स, इंडोर स्पोर्ट्स
  • योग एवं मेडिटेशन हॉल
  • सुसज्जित स्टडी हॉल, बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण
  • गीत-संगीत, नृत्य, आर्ट एंड क्राफ्ट, योग एवं मेडिटेशन के लिए कुशल प्रशिक्षक
  • छत्तीसगढ़ बोर्ड से संबद्ध ओपी जिंदल स्कूल, कुंजेमुरा में शिक्षा
  • फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल में चिकित्सा सुविधा
  • कुशल प्रशिक्षकों की देखरेख में इंडोर एवं आउटडोर स्पोर्ट्स
  • सुरक्षा के लिए सीसी कैमरे और 24 घंटे तक सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती।
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button