धरमजयगढ़ में सर्पदंश रोकथाम की बड़ी पहल: वनमंडल ने जनजागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

धरमजयगढ़ वनमंडल में सर्पदंश से बचाव, सांपों की पहचान और रेस्क्यू तकनीक पर जनजागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। विशेषज्ञों ने संरक्षण और उपचार संबंधी विस्तृत जानकारी दी।
रायगढ़। धरमजयगढ़ वनमंडल क्षेत्र में बढ़ती सर्पदंश घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से काष्ठागार धरमजयगढ़ में जनजागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सांपों की प्रजातियों की पहचान, सर्पदंश से बचाव तथा रेस्क्यू और संरक्षण संबंधी तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्य उद्देश्य था—जहरीले एवं बिना जहर वाले सांपों की पहचान, सर्पदंश से बचाव के व्यवहारिक उपाय और उपचार संबंधी जानकारी को मजबूत करना ताकि क्षेत्र में होने वाली अकाल मृत्यु को न्यूनतम किया जा सके।
विशेषज्ञों ने साझा की महत्वपूर्ण जानकारियाँ
कार्यशाला में वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ ने बताया कि समय पर पहचान, सावधानी और चिकित्सा ही Sarpadansh Jagrukta का आधार है। उन्होंने ग्रामीणों को सतर्क रहने और बिना घबराहट स्थिति संभालने के उपाय बताए।
नोवा नेचर वेल्फेयर के एम. सूरज ने सांपों की स्थानीय प्रजातियों की पहचान व उनके संरक्षण की आवश्यकता पर जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग के डॉ. शर्मा ने सर्पदंश के बाद आवश्यक चिकित्सकीय प्रक्रिया, प्राथमिक उपचार और अस्पताल ले जाने की सही विधि पर विस्तार से बताया।
मितानिन सुकवारा साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर जागरूकता बढ़ाकर कई दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
प्रश्नोत्तरी, वीडियो और प्रस्तुति के माध्यम से प्रशिक्षण को बनाया रोचक
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों के साथ एक प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया जिसमें सांपों से संबंधित जानकारी की जांच की गई।
मनोरंजक वीडियो, लाइव प्रेज़ेंटेशन और सरल भाषा में समझाए गए उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को Snake Rescue और बचाव तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया।
वनमंडल का प्रयास—सांप संरक्षण के साथ दुर्घटनाओं में कमी लाना
धरमजयगढ़ वनमंडल ने बताया कि यह क्षेत्र सर्पदंश की घटनाओं को लेकर संवेदनशील है, इसलिए लगातार जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। भविष्य में भी इसी तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर ग्रामीणों को सतर्क और सक्षम बनाया जाएगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी
इस कार्यशाला में धरमजयगढ़ और लैलूंगा विकासखंड के डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, हाथी मित्र दल, ट्रैकर, वनकर्मी, जन प्रतिनिधि, मीडिया कर्मी, एनएसएस सदस्य, नोवा नेचर वेल्फेयर टीम और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।






