2174 करोड़ के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल के करीबी कारोबारी ईडी के रडार पर, सात को भेजा गया समन

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे जाने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने चैतन्य बघेल से जुड़े सात कारोबारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनमें दुर्ग-भिलाई के होटल व्यवसायी, सराफा कारोबारी और रेलवे ठेकेदार शामिल हैं।
ईडी का दावा: ब्लैकमनी को रियल एस्टेट में लगाया गया
सूत्रों के अनुसार, ईडी को जांच में चैतन्य बघेल का शराब कारोबारी लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू बंसल, रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और दीपेंद्र चावड़ा के साथ गहरा संबंध मिला है। ईडी का आरोप है कि इन सहयोगियों की मदद से चैतन्य ने शराब घोटाले की बड़ी राशि रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की। जांच एजेंसी ने चैतन्य से जुड़ी कंपनियों जैसे ‘बघेल बिल्डकॉन’ और बिलासपुर के एक नामी बिल्डर को भी जांच के दायरे में लिया है।
ईडी ने लक्ष्मीनारायण बंसल सहित अन्य आरोपियों के बयानों का हवाला देते हुए करीब एक हजार करोड़ रुपये की ब्लैकमनी को वैध करने की आशंका जताई है।
पिछले सप्ताह छापेमारी की गई थी
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को जानकारी मिली थी कि दुर्ग के होटल कारोबारी और रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल, जयपुर में महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ आहूजा की शादी में शामिल हुए थे। इसी सूचना के आधार पर ईडी ने विजय अग्रवाल और उनके करीबी लोगों के चार ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार से जुड़ी जानकारी के आधार पर की गई थी।
अलग-अलग तारीखों में बुलाया गया पूछताछ के लिए
ईडी ने सभी सात कारोबारियों को पूछताछ के लिए अलग-अलग तारीखों में समन भेजा है। चैतन्य के जेल में बंद होने के बाद से अब तक दो कारोबारियों ने ईडी कार्यालय पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए हैं। पूछताछ में ईडी अधिकारी चैतन्य बघेल के साथ इन कारोबारियों के व्यावसायिक संबंधों और लेन-देन की जानकारी जुटा रहे हैं।