विविधसंपर्क

भारतीय पुलिस व्यवस्था की दो बड़ी वारदात,यह बताती है,कि अपनों की गद्दारी हमेशा भारी पड़ी है।-नितिन सिंन्हा की कलम से…

सिंहघोष-पहला पुलवामा कि घटना14 फरवरी 2019, दिन गुरुवार, वक्त 3.30 बजे.कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले से एक गाड़ी टकराई और भयंकर धमाके के बाद सड़क पर क्षत-विक्षत शव नजर आने लगे। कश्मीर में जवानों पर हुआ तीन दशक का ये सबसे बड़ा हमला था। जैश ए मोहम्मद द्वारा अंजाम दिए गए इस हमले ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया था। कुछ महीनों बाद पुलवामा निवासी और जम्मू कश्मीर पुलिस का गद्दार dsp देवेंद्र dsp जो दो खूंखार आंतकियों को दिल्ली ले जाते रँगे हाथों पकड़ा गया था।। उस पर जाकर सन्देह की सुई टिकती है।। विशेषज्ञों की माने तो सम्भवतः इस जैसे बड़े रैंक के अधिकारी की गद्दारी के बिना crpf के इस कान्वाय पर इतना बड़ा हमला सम्भव नही होता।। यही वो गद्दार पुलिस अधिकारी था जो कुलगाम जिले से अपनी कार में दो हिज़बुल मुजाहिदीन के दो आंतकी क्रमशः नावीद बाबू और रफी अहमद और एक वकील को लेकर दिल्ली की ओर निकलने की कोशिश में पुलिस चेकपोस्ट पर दबोचा गए देवेंदिर सिंह के इरादे बेहद ही आंतकी थे। पुलिस चेकपोस्ट पर जब उसकी कार को रोका गया तो आरोपी देविंदर सिंह के कार से पुलिस ने पांच जिंदा ग्रेनेड बरामद किए थे। अब भी इसके पुलवामा हमले में संलिप्तता की जांच की जा रही है।।

जबकि दूसरी घटना कानपुर के बिकरु गांव में घटित 8 पुलिस जवानों की हत्या से जुड़ी है।। इस मामले में भी जहां एक तरफ घटना के मुख्य साजिस कर्ता अपराधी गैंगस्टर माफिया विकास दुबे की तलाश तेज कर दी गई है तो दूसरी तरफ कानपुर में पुलिस पर हमला मामले में कार्रवाई तेज हो गई है.खबर है कि चौबेपुर थाने के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हटा दिया गया है और एसटीएफ की पूछताछ जारी है. तिवारी पर गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है. पुष्पराज सिंह को चौबेपुर थाने का चार्ज दिया गया है.

यूपी STF के द्वारा सभी चश्मदीद और जो संदेह के घेरे में हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है. विनय तिवारी पर इसलिए भी ज्यादा संदेह गहराया क्योंकि वह विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में सबसे पीछे थे. जब पुलिस पर बदमाशों ने हमला किया तो वह मौके से भाग निकले.

पुलिस ने निकाल ली कॉल डीटेल्स..विकास दुबे की हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक की कॉल डीटेल्स पुलिस ने निकाल ली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस महकमे के भी कई लोग इस जघन्य हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के संपर्क में थे. सूत्रों के मुताबिक जो कॉल डीटेल्स सामने आई हैं, उसे आधार पर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस की रेड होने वाली है, इस खबर को विकास दुबे तक किसी पुलिसवाले ने ही पहुंचाया है..

सच कहा हैं,किसी ने कि..

खाखी के सीने में यूं ही वार नही होता,जब तक यहां अपनो में छिपा कोई गद्दार नही होता...

श्रद्धांजलि..💐💐

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button