रायगढ़ में बैंक अफसर से 78 हजार की लूट, 5 आरोपियों को 5 साल की सजा

रायगढ़ । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बैंक अफसर से 78 हजार रुपये लूटने वाले पांच आरोपियों को अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2022 का है, जब आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के लोन अफसर से डंडा, लात और घूंसों से मारपीट कर आरोपियों ने पैसों से भरा बैग और मोबाइल छीन लिया था। तीन साल तक चले इस मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार दिया और जेल की सजा के साथ अर्थदंड भी लगाया।
ऐसे हुआ था वारदात का खुलासा
जानकारी के अनुसार, रमेश गुप्ता (क्लस्टर मैनेजर, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैंक के लोन ऑफिसर इंद्रसेन सोन 13 अक्टूबर 2022 को देलारी, पाली, मुर्रकुरी, बगबुड़ा और शिवपुरी गांवों में लोन कलेक्शन करने गए थे। जब वह पाली गांव से रायगढ़ लौट रहे थे, तभी रास्ते में कुछ अज्ञात बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और बैग छीनने की कोशिश की। विरोध करने पर इंद्रसेन को डंडा, लात और घूंसों से मारा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
गांव वालों की मदद से पकड़ा गया आरोपी
लूट की घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों की मदद से एक आरोपी को पकड़ लिया गया, जिसने पूछताछ में अपना नाम निखिल क्षत्रिय बताया। उसने खुलासा किया कि उसके साथ लूट में बंटी पांडे, रामेश्वर उर्फ ननकी और तीन अन्य साथी शामिल थे।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद घायल इंद्रसेन को तमनार अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद बैंक अधिकारी रमेश गुप्ता की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने निखिल क्षत्रिय (फटहामुड़ा निवासी), राकेश कुमार मिरी (काशीराम चौक निवासी), अनिकेत कुमार सारथी (गांधी नगर निवासी), रामेश्वर उर्फ ननकी और बंटी पांडे को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
कोर्ट का फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सभी सबूतों और गवाही के आधार पर अदालत ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को 5 साल कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।






