हादसे में कर्मचारी की मौत पर एस.के.ए कम्पनी प्रबन्धन का अमानवीय व्यवहार।

घण्टों मृतक का परिवार सहायता के लिए तरसता रहा,अस्पताल में देर रात प्रबन्धन ने अज्ञात लाश बताकर शव छोड़ दिया..।।
सिंहघोष/रायगढ़,शहर के मेकाहारा अस्पताल प्रांगण में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब दुर्घटना में मृत युवक की लाश घण्टो नही मिलने पर मृतक के परिजन बुरी तरह बिफर पड़े। उन्होंने बताया कि देर रात जिले के घरघोड़ा थाना अंतर्गत secl माइंस जामपाली में लिफ्टिंग का कार्य करने वाली एस.के.ए कम्पनी में मृत युवक विगत दस दिन पहले कम्पनी में टीपर ड्राइवर के पद पर काम करने आया था। बीती रात एक दुर्घटना में उसकी मौत होने के बाद कम्पनी के कर्मचारियों ने पीड़ित परिवार को न तो कोई सूचना दी न ही किसी भी प्रकार का सहयोग किया। बल्कि रात करीब 12 बजे मृत कर्मचारी के शव को लावारिश लाश बताकर अस्पताल में ही छोड़कर भाग गए। घटना के प्रत्यक्षदर्शी और मृतक दोस्त जो उसी के गांव का रहने वाला है तथा मृतक के सांथ ही कम्पनी में कर्मचारी है,उसने बताया कि उसी ने घटना की सूचना मृतक के घर वालों को दी और उन्हें भी बताया कि किस तरह कम्पनी के मैनेजर और उसके सहयोगियों ने घटना के विषय मे किसी को भी सच न बताने के लिए उसको बुरी तरह डराया-धमकाया है। घटना के बारे में उसका कहना है कि देर रात करीब 10 बजे सुनील कुमार अग्रवाल(लेन्द्रा) की जामपाली साइट में एक ग्रेडर चालक ने खाना खाने बैठे राजू के ऊपर ग्रेडर गाड़ी चढा दी। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घटना की जानकारी एक मैनेजर आशुतोष सिंह और अन्य को दिए जाने के बाद आनन-फानन में राजू को पिकअप गाड़ी में लादकर वे लोग निकल गए सांथ ही उसे धमका गए कि पुलिस को तुममे से कोई सच नही बताएगा। उसके बाद उन्होंने उसके समाने फोन लगाकर पुलिस को बताया कि सड़क पर उन्हें अज्ञात व्यक्ति पड़ा मिला है वो उसे अस्पताल लेकर जा रहे हैं। बातचीत के दौरान ही घायल राजू की मौत हो गई। इस तरह घण्टो मृतक के शव को लेकर मैनेजर और अन्य दो सहयोगी यहां वहां घुमाते हुए मेकाहारा अस्पताल में उन्हें लावारिश लाश मिली है कि जानकारी देकर मामले की सत्यता छुपाने का काम किया। यहां तक कि मृतक राजू नारंग के शव को लावारिस लाश बताकर अस्पताल में ही छोड़ कर चले गए। वह किसी तरह अस्पताल पहुंचा और मृतक की वास्तविक पहचान बताई सांथ ही परिजनों को रात 1 बजे घटना की सूचना देकर उन्हें अस्पताल आने को कहा। मृतक राजू के परिजन दो तीन घण्टों बाद सरसींवा से रायगढ आ पहुंचे। इधर अस्पताल पहुंचे परिजनों को जब पता चला कि कम्पनी के लोग उनके साइट पर घटी घटना की सत्यता छुपा कर न केवल उन्हें बल्कि पुलिस से भी झूठ बोल रहे हैं। यही नही घटना को घटित हुई 14-15 घण्टे बाद भी कम्पनी प्रबन्धन के तरफ से कोई सहायता नही दिए जाने और शव नही मिलने से परिजन नाराज हो गए। जिसके बाद माहौल बिगड़ता देख मैनेजर अस्पताल में स्थित पुलिस सहायता केंद्र पहुँचा। उसने मीडिया से घटना के विषय ज्यादा जानकारी न होने और पीड़ित परिवार को जायज सहायता करने की बात कही। परन्तु दुर्घटना कारित वाहन और दोषी चालक की गिरफ्तारी के सम्बंध में गोल मोल जवाब दिया।इसके बाद पुलिस ने बयान दर्ज किया और मृतक के शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम कर दोपहर तीन बजे परिजनों को शव सौंप दिया।बहरहाल मृतक के परिजनों को इस मामले में रायगढ पुलिस से सुनील कुमार अग्रवाल के कर्मचारियों के विरुद्ध घटना का साक्ष्य छुपाने का अपराध दर्ज करने और दुर्घटना कारित करने वाले वाहन चालक को गिरफ्तारी करने की अपेक्षा है। अब आगे यह देखना लाजमी होगा कि पुलिस एक रशुखदार कम्पनी प्रबन्धन के विरुद्ध इस घटना को लेकर उचित कार्यवाही कर पीड़ित परिवार के सांथ न्याय करती है या पीड़ित परिजनों को अभी और भटकना पड़ता है।
आज शाम मिली जानकारी के अनुसार घरघोड़ा थाने में उक्त घटना दोषी वाहन चालक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर दुर्घटना कारित वाहन को पुलिस ने जप्त कर लिया है व अपराधी चालक की तलाश जारी है।






