रायगढ़

आखिर पुलिस की पकड़ से अब तक बाहर क्यों हैं? कोतरलिया जमीन फर्जीवाड़े के तीनों मास्टरमाइंड़–अधिवक्ता असलम खान

Advertisement

वास्तविक भूमि स्वामी की जगह जमीन दलाल झसकेतन प्रधान और बिसाहू बन गए फ़र्ज़ी भूमि स्वामी..।

क्षेत्र की कुख्यात ठग जोड़ी सन्तराम यादव और झसकेतन की शह पर रचा गया था फर्ज़ीवाड़े का पूरा खेल…।

सिंघघोष/रायगढ़:-पैसों की लालच में आदमी किस हद तक गिर सकता है इस बात का जीवंत प्रमाण है ग्राम कोतरलिया की जमीन का चर्चित फर्ज़ीवाड़ा।

उक्त फर्जीवाड़े की घटना का खुलासा करते हुए प्रार्थी विजय यादव पिता सुदर्शन यादव और बोधन यादव पिता उदयराम के अधिवक्ता असलम खान ने बताया कि ग्राम कोतरलिया में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 318/1 रकबा करीब 80 डिसमिल भूमि को किसी तरह बेचकर वास्तविक भूमि स्वामियों के हक अधिकार का पैसा खुद हड़प करने की नीयत से झसकेतन प्रधान,मोहित यादव,पुटकी यादव,विसाहू,कुमारी यादव और लक्ष्मण यादव ने यह पूरा प्रपंच रचा।
फिर किसी तरह जमीन के फ़र्ज़ी दस्तावेज तैयार किए गए। जिसके आधार पर किसी तरह तत्तकालीन हल्का पटवारी से साठ गांठ कर भूमि का बिक्री नकल तैयार करवाया गया। इसका लाभ लेते हुए,वास्तविक भूमि स्वामी विजय यादव की जगह विसाहू और मृत भूमिस्वामी उदय की जगह झसकेतन प्रधान ने खड़े होकर क्रेता कुमारी बाई पति लक्ष्मण यादव निवासी छोटे अतरमुड़ा के पक्ष में भूमि का फ़र्ज़ी पंजीयन करवा दिया।

हालाकि यह भी गम्भीर जांच का विषय है कि तमाम फ़र्ज़ी भूमिस्वामियों को भली भांति पहचानते हुए भी तत्कालीन हल्का पटवारी ने जमीन के बिक्री दस्तावेज क्यों बनाएं और पंजीयन के पूर्व तत्कालीन पंजीयक ने इस छल-प्रपंच को अनदेखा क्यों किया.? जबकि जमीन दलाल झसकेतन और उसका ठग सांथी सन्तराम उर्फ टेंगना से रजिस्ट्री कार्यालय का प्रत्येक बन्दा परिचित था।

बहरहाल उक्त फर्जीवाड़े की पोल तब खुली जब भूमिस्वामी विजय यादव और मृतक भूमिस्वामी उदय यादव का बेटा बोधन यादव ने भूमि का विधिवत सीमांकन वर्ष 2015 में करवाया। तब उन्हें उक्त फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। उन्होंने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई तब ठगों ने उन्हें उलट उन्हें ही धमकी-चमकी देनी शुरू कर दी। इस बात से नाराज शिकायतकर्ता विजय यादव और बोधन यादव ने मामले की शिकायत थाना चक्रधरनगर में की,और पुलिस को बताया की वे लोग वही वास्तविक भूमि स्वामी हैं जिनकी जगह विसाहू और झसकेतन ने खड़े होकर कूटरचित फ़र्ज़ी दस्तावेजों के जरिए उक्त भूमि को बेच दी है। हालांकि ठगी और कूटरचना के इस संगेज्ञ की घटना पर चक्रधरनगर पुलिस ने तत्काल अपराध दर्ज न कर 155 काटते हुए शिकायतकर्ता गणों को न्यायालय जाने को कह दिया। वही अधिवक्ता असलम खान के पैरवी के बाद विद्वान न्यायाधीश ने उक्त फर्जीवाड़े के विरुद्ध चक्रधरनगर पुलिस को नामजद आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद चक्रधनगर पुलिस ने आनन फानन में मास्टमाइंड झसकेतन प्रधान,विसाहू सहित मोहित यादव,पुटकी यादव,नरेंद्र,कुमारी यादव और लक्ष्मण यादव के विरुद्ध धारा 419,420,467,468,471,120 बी 34 के तहत अपराध दर्ज तो कर लिया। इधर अपराध दर्ज होने के बर्षों बाद भी खुलेआम घूमने वाले दो मास्टरमाइंड आरोपी झसकेतन प्रधान और विसाहू की गिरफ्तारी
का न होना चिंतनीय विषय है।। जबकि स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इस बड़े भूमि फ़र्ज़ीवाड़े के असल मास्टमाइंडो में संतराम यादव उर्फ टेंगना भी शामिल रहा है। चुकी बोधराम यादव नम्बरदार संतराम उर्फ टेंगना का पिता है अतः उक्त भूमि को फ़र्ज़ी दस्तावेजों और किसानों के सहारे बेचकर पैसे कमाने का असल दिमाग संतराम उर्फ टेंगना ने लगाया था। इस मामले में जैसे ही झसकेतन और विसाहू की गिरफ्तारी होती और उनका बयान दर्ज करवाया जाता है उसी समय संतराम का नाम सामने आने की प्रबल संभावना है। हालांकि क्षेत्र के दोनों महाठगों की गिरफ्तारी और ईमानदारी से पूछताछ होने पर कई और भूमि फर्जीवाड़ों का खुलासा होना तय है। ग्रामीणों के बातए अनुसार ठग जोड़ी टेंगना उर्फ संतराम और झसकेतन प्रधान के विरुद्ध आने वाले दिनों में दो अन्य भूमि फर्जीवाड़े की शिकायत हो सकती है।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button