मोदी जी आप यह नही बताये कि हम ताली-थाली-दिया -टार्च जलाकर कोरोना जैसी महामारी से कैसे लड़ेंगे- वसीम खान➖➖➖➖➖➖➖➖➖

सिंहघोष/ मोदी जी की थाली-ताली-दिया-टार्च वाले भाषण के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस आई टी सेल रायगढ़ के लोकसभा अध्यक्ष वसीम खान ने मोदी जी के भाषण की जमकर आलोचना करते हुए कहा है कि
मोदी जी को अच्छे से पता है कि देश बिना किसी तैयारी और संसाधनों के ही कोरोना जैसी घातक महामारी से लड़ रहा है,देश ने बड़ी अपेक्षाओं के साथ दूसरी बार उनको अपना नेता चुना है।। इसके बावजूद कोरोना जैसी विश्वव्यापी महामारी को लेकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी नही निभाया। परिणाम सामने है देश मे दिनों दिन कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा हैं।। यही नही बिना किसी राज्य सरकार को भरोसे में लिए एकाएक लाकडाउन का आदेश जारी कर दिया।। देश की एक बड़ी आबादी आपकी पार्टी के सरपरस्ती में चलने वाली आई टी के द्वारा फैलाये गए फेक मैसेजों के कारण देश मे भारी अफरा-तफरी मच गई।। देश का मजदूर और गरीब वर्ग सड़को पर उतर आया। लोग हजारों किमी की दूरी पैदल ही तय करने के लिए सड़कों पर उतर आए।। सैकड़ो-हजारों लोग जहां थे वहीं फंसे रह गए।। आपने देशबन्दी के अपने भाषण में सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही पर सड़को पर उतरी या एक जगह पर फंसी भारी भीड़ ने आपके प्रयासों में कसर छोड़ दी।। लाकडाउन सफल होते-होते रह गया।। आपने अपने भाषणों में आम जनो को भरोसे में लेने के बजाए उलट उन्हें भ्रमित करने में लग गए हैं।।
वसीम खान का कहना है कि ये मान भी लिया जाए कि बड़ी संख्या में आपके फॉलोवर निरा बुद्धिहीन और अंधभक्त हैं।। फिर भी देश मे उनके अलावा और भी बहुत से ऐसे लोग रहते है जो आपकी लच्छेदार भाषण बाजी से मतलब नही रखते हैं।। तो क्या उन्हें देश मे रहने का अधिकार नही है।
आपने अपने कोरोना जैसी महामारी के विरुद्ध समय रहते तैयारी करने के बजाए मप्र में सरकार बनाने तथा अमेरिकी राष्ट्रपति के आगमन में देश का संसाधन और वक्त दोनो जाय किया। परिणाम स्वरूप देश मे विदेशों से संक्रमित होकर आए नागरिकों की नियमित जांच नही हो पाई।। जब तक आप देश को तैयार कर पाते तब तक स्थिति विस्फोटक हो चुकी थी। देश मे 14 लाख अप्रवासी भारतीय घुस चुके थे।। इसके बावजूद आपने अपने पहले उद्बोधन में दरवाजे में खड़ी मौत के खतरे से लड़ने की सरकारी तैयारियों को बताने के बजाए लोगो से ताली-थाली बजवाई।। दूसरी तरफ देश का जिम्मेदार वर्ग डॉक्टर्स,पुलिस और सुरक्षाकर्मी संसाधनों के अभाव की बात कहते रह गए,आपने उन्हें उच्च स्तरीय जांच किट,मास्क,ग्लोब,सेनेटाइजर और कोरोना प्रोटेक्शन कोट उपलब्ध कराने के बजाए ।। एक दिन के देशबन्दी की घोषणा कर शाम लच्छेदार भाषणों से उन्हें भ्रमित कर बाकायदा रोड़ पे नाच-गा कर कोरोना सेनानियों के स्वागत की नौटँकी करवाई। जैसे मुर्खो को कॅरोना महामारी के आने से बड़ी खुशी मिल गई हो यह प्रदर्शन करने के लिए लोग बेतहासा सड़को पर उतर आए।।इस एक दिन की भूल ने कोरोना को पैर पसारने का मौका दे दिया।। अब जब हमारे देश मे तीन हजार से ज्यादा लोग इस भयावह बीमारी के संक्रमण का शिकार हो चुके है और 55 नागरिकों की जाने जा चुकी है आप नया फरमान जारी कर देश को इस शोक की घड़ी में उत्शव मनाने का आदेश दे रहे हैं।। आपने दुबारा देश के लोगों को भरोसे में लेने का अवसर गंवा कर बाकायदा कोरोना के प्रभाव को दिया,मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जला 9 मिनट की रौशनी करने को कहा है यानी सीधे तौर पर आप लोगो से कह रहे है कि अब उन्हें कोरोना की आरती उतारनी है।। आपका यह निर्णय बिल्कुल वाहयात और अदूरदर्शी है।।
जबकि देश के सामने अभी आपको एक ऐसे जिम्मेदार प्रधानमंत्री के रूप में पेश होना था जिसकी बातों में इतनी गम्भीरता हो कि वो देश की जनता को कॅरोना से लड़ने की तैयारियों के बारे में पूरी दृढ़ता से कुछ बोल पाता,और कहता कि इस आपदा से निपटने के लिए देश ज़रूरी सारी तैयारियाँ विशुद्ध वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके से कर रहा है।। इसे समर्थन देने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और व्यक्तिगत स्वच्छ्ता का पालन करते रहें।। कोरोना संकट के बाद आने वाली आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वापस पूरा देश एक साँथ अपनी श्रेष्ठतम ऊर्जा लगा पाए।।
आप अपने केंद्रीय मंत्रियों सांसदों को ज़मीन पर उतर लोगो के डर और अफरा तफरी को कम करने के लिए बोलते। मोदी जी आपने ऐसा कुछ नही किया।। आपको अच्छे से पता है कि इन बातों से न तो आपको कोई सरोकार है न ही आपके अंधभक्तों पर इसका कोई फर्क पड़ना है।। उनको आपकी आड़ में बे सिर पैर की नौटंकियों और नफरत की सौदागिरी ही भाने लगी है।
यही वजह है कि दिया जलाओ जैसी तर्कहीन बातों को लेकर अंध भक्तो का वर्ग कुतर्को के सहारे शोक और चिंतन की इस घड़ी में राष्ट्रीय उत्शव मनाने को ही अपना कर्तव्य मानने लगा है।। उनके तरफ से यह दलील दी जा रही है कि ऐसा करना देश की एकता के लिए ज़रूरी है।
हम कांग्रेसियों का मानना है कि आपका यह प्रयोग है ये देखने के लिए कि आमजनों में कितने लोग जागरूक है और कितने लोग आज भी नीरा मूर्ख है।। जिन्हें कुछ भी बोल कर कुछ भी करवाया जा सकता है।। वह आपके आदेश को खुशी खुशी स्वीकार करने को तैयार बैठा है। वाकई आपका दिया जलाओ वाला यह प्रयोग देश का भावी भविष्य तय करता दिख रहा है जहां जाहिलियत से भरे लोग आपकी ऐतिहासिक भूल को भूलकर बड़ी कीमत चुकाने से भी गुरेज नही करेंगे।।। वसीम खान कहते है कि मोदी जी आपकेे हालिया भाषण ने बहुत निराश किया है।। इस भाषण में कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर ठोस कुछ भी नहीं कहा गया था।। परन्तु भाषण के शब्दों में आडंबर रचने की मोदी जी की बेहतरीन कला के बीच सड़को पर उतरे लाखों मजबूर मजदूरों का प्रलाप दब गया।। वसीम के अनुसार मोदी जी के भाषण से स्पष्ट हो गया है कि उनके पास इतनी बड़ी विपत्ति से लड़ने की न तो कोई दूरदृष्टि है और न कोई प्रभावशाली योजना है।
मोदी जी ने गरीबों का नाम तो लिया. लेकिन संकट के बीच और उसके बाद गरीबों का जीवन कैसे चलेगा ? रोज कमाने खाने वाले लोग अपने परिवार का भरण पोषण कैसे होगा ? उन्हें लेकर मोदी जी के पास क्या योजना है? बस इसकी चर्चा नहीं की।।
हालांकि मोदी जी के भाषण ने हमारे अलावा ऐसे कई करोड़ लोगों को निराश किया होगा.जिन्हें हर हाल में झुग्गी झोपड़ियों में रहना है और एक ही कमरे में पूरा परिवार गुजर-बसर करने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग और पर्सनल क्लिननेश का कितना ध्यान रख पाएंगे जब आज भी देश के प्रमुख शहरों और गांवों के मेडिकल स्टोर्स तो दूर अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों को मास्क,सेनेटाइजर और प्रोटेक्शन कोर्ट नही मिल रहा है।। देश मे कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे 65 डाक्टर कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं।। वही 11 सुरक्षाबलों के संक्रमित होने की खबर है।। आज जैसी हालत में बेहतर तो यही होता कि मोदी जी ने देश को इस तरह से संबोधित ही नहीं किया होता।।