अब ई डब्लू एस मकानों के रहवासियो का भी हो रहा सर्वे।क्या निगम ने नही किया पात्र हितग्राहियों को मकान का आबंटन ?.क्या निगम ने नही किया पात्र हितग्राहियों को मकान का आबंटन?..
सर्वे के फेर में जरूरतमन्दों तक राहत सामग्री पहुचने हो रही देर
सिंहघोष/रायगढ़-/-जिले में कोरोना संकट से जूझने जरूरतमन्द राशनकार्ड विहीन लोगो की सूची तो आखिरकार खीचतान के बाद तैयार हो गयी। परन्तु इसके पात्र हितग्राहियों को इसका लाभ पाने एक बार फिर जिला प्रशासन की सर्वे प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। एक और तो जहां दिहाड़ी मजदूरी कर रोजाना जीवन यापन करने वालो पर लॉक डाउन के दौरान रोजी रोटी का संकट आ खड़ा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन का सर्वे कार्य कोरोना संकट में लॉक डाउन के एक एपिसोड बीत जाने के बाद भी पूरा नही हो सका है। अलबत्ता देखना लाजमी होगा कि क्या अगामी 19 दिनों के अतिरिक्त लॉक डाउन में इन जरूरतमन्दों को शासकीय राहत सामग्री मिलती है या फिर सर्वे प्रक्रिया के फेर में इंतजार लम्बा होगा।
नए चेहरों को लेकर बन रही असमंजस की स्थिति
गौरतलब हो कि पूर्व में वार्ड को पार्षदों को दरकिनार कर मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम जरूरतमंद कार्ड विहीन लोगो की सूची तैयार की जा रही थी। जिसकी वजह से पार्षदों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही थी।जिसके खबर प्रकाशन उपरांत शासन द्वारा वार्ड पार्षदों की भी इस कार्य मे सहभागिता दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे।अलबत्ता जहां कुछ पार्षदों द्वारा मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार की गई सूची पर ही हामी भर दी गयी तो वही कुछ पार्षदों द्वारा ऐसी छुटे हुए लोगो के भी नाम जुड़वाए गए। जो वार्ड में किराए पर ही रहकर रोजी मजदूरी का कार्य करते है। परन्तु इन नामो के पहले की सूची में शामिल न होने की वजह से एक बार फिर इनकी पुष्टि पटवारी व मोहर्रिर कर रहे है।हालांकि जरूरतमन्दों की सूची भेजे लगभग 5 दिन पूरे हो चुके। परन्तु सूची में जुड़े नामो को लेकर एक बार फिर सर्वे किया जा रहा है। अलबत्ता लॉक डाउन की इस घड़ी में जहाँ जरूरतमंद लोगों को राशन मिल जाना था वही बारम्बार उन्हें सर्वे की कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है।
क्या ई डब्लू एस का मकान आबंटन है गलत
विदित हो कि निगम द्वारा ई डब्लू एस का मकान ऐसे लोगो को आबंटित किया जाता है जो अत्यंत ही गरीब श्रेणी के हो। वर्तमान में जरूरतमन्द सूची में ई डब्लू एस के रहवासियो के भी नाम शममिलित है। परन्तु जब निगम द्वारा मकान का आबंटन गरीब श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को ही किया गया है। तो फिर ई डब्लू एस के मकानों के भी सर्वे किया जाना समय की बर्बादी नही होगी। या फिर इन मकानों के आबंटन को लेकर निगम ने आवश्यक मापदण्डो को दरकिनार किया। जिसकी वजह से सर्वे टीम द्वारा इनका भी सत्यापन किया जा रहा है।
शहर सरकार की क्या योजना
विदित हो कि शहर सरकार को अस्त्तित्व में आये लम्बा समय बीत चुका है। बावजूद इसके एम आई सी की बैठक कोरोना को लेकर सम्पन्न नही हो सकी है। हालांकि बैठक को लेकर शहर सरकार लॉक डाउन के नियमो का हवाला देते हुए फोन और ही एम आई सी के जनप्रतिनिधियो से चर्चा करने की बात कही जा रही है। अलबत्ता इस चर्चा की सार्थकता कितनी है यह तो धरातल पर दिखाई नही पड़ती। यही कारण है कि कुछ जनप्रतिनधि निगम मेआप्सी तालमेल न होने के कारण जिला प्रशासन की व्यवस्था को ही बेहतर बता रहे है।
वर्सन-/-वार्ड में मास्क व सेनेटाइजर वितरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।जरूरतमन्दों की सर्वे सूची में लोबो के नाम जोड़ने बेहद कम समय दिया गया।जब निगम द्वारा ई डब्लू एस में पात्र हितग्राहियों को मकान आबंटन किया गया है। तो फिर से सर्वे की आवश्यकता क्यो है।-संजय देवांगन
पार्षद वार्ड क्रमांक06
वर्सन-/-जिला प्रशासन सर्वे के दौरान नए जोड़े गए नमो में नए चेहरे को लेकर असमंजस में है।कई लेबर वर्ग के लोग भी वार्ड में रह रहे है। जिनका लॉक डाउन की वजह से कामधंधा बन्द हो चुका है।
वर्सन-/-पूर्व में राशन वितरण वार्ड क्रमांक 16 के साथ ही दूसरे वार्ड में दिया जा रहा था। जिसमे बदलाव कर अब राशन वितरण इसी वार्ड से होगा।जरूरतमंद लोगों की सूची तैयार की गई है। जिनकी संख्या 150 के करीब होगी।
सुभाष पांडे
पार्षद वार्ड नम्बर-16
वर्सन-/-लॉक डाउन की वजह से एम आई सी की बैठक सम्भव नही हो सकी है।11 जिलों के लिए लगभग 2 करोड़ की राशि जिला प्रशासन को दी गयी थी।शहर सरकार को नही।
श्रीमती जानकी बाई काटजू
महापौर