फ्लाईएश परिवहन में 21 लाख की धोखाधड़ी: रायगढ़ ट्रांसपोर्टर के साथ बड़ी ठगी उजागर

रायगढ़ में फ्लाईएश परिवहन के नाम पर 21 लाख से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। ट्रांसपोर्टर विनोद अग्रवाल की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मंजय सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
रायगढ़। जिले में फ्लाईएश परिवहन (Flyash Dhokhadhadi) के नाम पर एक गंभीर आर्थिक ठगी मामला उजागर हुआ है। तिरुपति रोड कैरियर संचालक विनोद अग्रवाल ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कर बताया कि परिवहन कार्य पूरा कराने के बावजूद भी 21 लाख 9 हजार 927 रुपए का भाड़ा अब तक नहीं दिया गया। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी मंजय सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुराना परिचित निकला धोखेबाज, लगातार बचता रहा भुगतान से
कृष्णा विहार कॉलोनी निवासी 58 वर्षीय विनोद अग्रवाल अपने 18 ट्रेलर वाहनों के माध्यम से कोयला और फ्लाईएश का परिवहन करते हैं। उनके अनुसार, झारसुगुड़ा के मंजय सिंह (राजपूत इंटरप्राइजेज) ने दिसंबर 2024 में कार्यालय पहुंचकर बताया कि उसे रेफेक्स इंडस्ट्रीज से दर्रीपाली से पत्थलगांव तक फ्लाईएश ढुलाई का ठेका मिला है।
950 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर पर समझौता होने के बाद सभी 18 ट्रेलर दर्रीपाली भेजे गए और नियमित परिवहन कार्य 29 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक चलता रहा।
45 फ्रेट स्लिप जमा, बिल भी दिया—फिर भी नहीं हुआ भुगतान
परिवहन पूरा होने के बाद कुल 45 भाड़ा पर्चियां जमा कर 21,09,927 रुपए का बिल राजपूत इंटरप्राइजेज को दिया गया। लेकिन आरोपी महीनों तक भुगतान से बचता रहा। दबाव बढ़ने पर उसने अगस्त और सितंबर 2025 में तीन चेक जारी किए—10 लाख, 9,18,732 रुपए और 1,91,194 रुपए के।
सभी चेक हुए अनादरित, आरोपी ने फोन भी किया बंद
तीनों चेक ICICI बैंक रायगढ़ में जमा करने पर अनादरित होकर वापस लौट आए। इसके बाद आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया और पीड़ित से संपर्क तक तोड़ दिया। इससे Flyash Dhokhadhadi का यह मामला और स्पष्ट हो गया।
धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज—जांच तेज
पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी मंजय सिंह के खिलाफ भाड़ा राशि हड़पने व धोखाधड़ी के मामले में धारा 318(4)-बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस अब व्यापारिक दस्तावेजों, परिवहन पर्चियों और बैंक रिकॉर्ड की जांच कर रही है। मामले में आगे और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।






