रायगढ़ के प्रवासी मजदूरों को मिले स्थानीय उद्योगों में रोजगार : गौतम अग्रवाल

उद्योगों द्वारा स्थानीय लोगों को नौकरी न देने की नीति ने आज पूरे देश के मजदूरों की ये दयनीय दशा की है।
छत्तीसगढ़ के जल, जंगल व जमीन पर पहले स्थानीय लोगों का है अधिकार
रायगढ़। दैनिक जनकर्म समाचार पत्र के प्रधान संपादक व सक्रिय युवा गौतम अग्रवाल ने प्रवासी मजदूरों के मजबूरी व बढ़ती खतरा को देखते हुए कहा कि जिला रायगढ़ औद्योगिक हब के रूप तेजी से बढ़ रहा है इसके बावजूद हज़ारो स्थानीय मजदूर दूसरे राज्य की ओर रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर है उसका एक ही कारण है, उद्योगों द्वारा स्थानीय लोगों को नौकरी न देने की नीति। यह नीति ने आज पूरे देश के मजदूरों की ये दयनीय दशा की है। उन्होंने आगे बताया कि स्थानीय लोगों के साथ शोषण, अन्याय व धोखाधड़ी नही कर सकते है इसलिए उनको प्राथमिकता नही दिया जाता है। दूसरे राज्य से आये बेवस, असहाय, जिनको अपनी अधिकार के लिए भी आवाज उठाने पर नकारात्मक सोच का व्यक्ति कहकर हटा सकें। छत्तीसगढ़ के जल, जंगल व जमीन पर पहले स्थानीय लोगों का अधिकार है। जल, जंगल व जमीन हमारा कट रहा है तो स्थानीय लोगों को नौकरी क्यों नहीं मिल रही है। संसाधन हमारा रोजगार किसी को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज रायगढ़ सहित छत्तीसगढ़ के हज़ारों प्रवासी मजदूर दाने-दाने के लिए मोहताज़ हो रहे है, इस विपदा की घड़ी दूसरे राज्य के मजदूर अपने राज्य चले गए है तो अब स्थानीय मजदूरों को क्या उद्योगों में रोजगार मिलेगा ये एक बड़ी सवाल शासन व प्रशासन से है।
उलेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अनेक उद्योग स्थापित है। साथ ही निजी उद्योग सैकड़ों की संख्या में है। समस्त सरकारी एवं अर्ध शासकीय व निजी संस्थानों उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती लंबे समय से नहीं किया गया है। भिलाई स्टील प्लांट से लगभग 50 हजार, एसईसीएल से लगभग एक लाख, एनटीपीसी से 5 हजार, एनएमडीसी से लगभग 8 हजार, बालकों से 8 हजार, बिलासपुर रेलवे जोन से 60 हजार से भी ज्यादा एवं राज्य सरकार सीएसईबी जनरेशन प्लांट 10 हजार,वितरण विभाग में 20 हजार रिटायरमेंट हो चुके हैं।भारत सरकार एवं नगरनार स्टील प्लांट एवं लारा एनटीपीसी एवं सीपत एनटीपीसी, एनएसपीसीएल भिलाई में लगभग 30 से 40 हजार के बीच भर्ती होना है। निजी उद्योग जिंदल स्टील प्लांट, प्रकाश स्पंज आयरन, मोनेट स्टील प्लांट, नोवा स्टील प्लांट, निको स्टील प्लांट, हीरा ग्रुप एवं सैकड़ों की तादाद में स्टील प्लांट स्थापित हैं।निजी सीमेंट प्लांट सेंचुरी, लाफार्ज, अंबुजा, इमामी, अल्ट्राटेक सहित 15 सीमेंट प्लांट है। छत्तीसगढ़ में प्लांट जिंदल पावर प्लांट एवं छोटे-छोटे प्लांट स्थापित है।निजी कोयला खदान बॉक्साइट एवं लौह अयस्क खदान है। कोयला एवं बॉक्साइट खदान अडानी, कोयला खदान एवं लौह अयस्क बालकों का, बॉक्साइट खदान कोयला खदान एवं जिंदल का कोयला व छत्तीसगढ़ में निजी कोल वाशरी सैकड़ों की संख्या में है।जिसमें लाखों की संख्या में रिक्त पद होते हुए भी स्थानीय टेक्निकलो को भर्ती ना करके बाहरी लोगों का भर्ती किया जा रहा है।
गौतम अग्रवाल ने स्थानीय उद्योगों के संचालकों से विनम्रतापूर्वक निवेदन किया है कि आज स्थानीय लोगों को रोजगार की ज्यादा जरूरत है साथ ही आपको भी कुशल संचालन हेतु मजदूरों की आवश्यकता होगी। आज घर लौटे प्रवासी मजदूर बेरोजगार व तकलीफ़ में है सरकार को अगर उनकी दुःख नहीं दिखता है तो जनाक्रोश का परिणाम जरूर भुगतना पड़ेगा।