रायगढ़

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन का स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने पर जोर…।स्वास्थ्य शिविरों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की निगरानी में सहायता जारी…।।

किसी भी आपात स्थिति से निबटने स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार: सीएमएचओ डॉ. केशरी

सिंहघोष/रायगढ़.16.08.22. जिले में बीत कुछ दिनों से लगातार बारिश जारी है जिसके कारण कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं पानी कई फीट तक गांव में घुसा है। प्रभावितों को सारंगढ़-पुसौर-सरिया के 7 राहत शिविर में रखा गया है। बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्यगत समस्याओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमे द्वारा यहाँ स्वास्थ्य शिविर भी संचालित किए जा रहे हैं।

कलेक्टर रानू साहू ने स्वास्थ्य विभाग को ऐसे प्रभावित इलाकों में डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ की टीम भेजने के निर्देश सीएमएचओ को दिए हैं। उन्होंने सभी जरूरी दवाइयों का स्टॉक भी रखने के लिए कहा है। इसके साथ आदिवासी विकास विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले को भी अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. एसएन केशरी ने संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारियों, डॉक्टर्स समेत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बाढ़ के बाद बीमारियों को लेकर बचाव के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया: “बाढ़ का पानी कम होने के बाद डायरिया, डेंगू और टायफाइड जैसी बीमारियों का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए यह बीमारियां गंभीर रूप न लें, इसके लिए जरूरी दवाओं को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही जिन इलाकों में पानी कम होने लगा है, वहां चूना और ब्लीचिंग छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है।“

विदित हो कि सोमवार को सरिया के 22, पुसौर के 5 और सारंगढ़ के 2 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित थे अब मंगलवार को कुछ गांव में जलस्तर कम हुआ है पर स्थिति पर जिला प्रशासन नजरें बनाए हुए है। सिर्फ पुसौर ब्लॉक में अभी भी 500 से अधिक लोग शिविर में हैं। यहां पड़िगांव, बुनगा और छिछोर उमरिया में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है। 2-3 गर्भवती महिलाएं शिविर में हैं जिनकी निगरानी की जा रही है वहीं शिशुवती महिलाओं और छोटे बच्चों का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. भावना महलवार ने बताया “ जिले में बाढ़ प्रभावित 11 जगहों पर 14 टीम के माध्यम से अस्थाई स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है। बरमकेला के सांकरा,लुकापारा, सरिया, साल्हेओना, बिलाईगढ़, सारंगढ़ के टिमरलगा, हिकसा और छतौना व पुसौर के तीन जगहों पर अस्थाई कैंप हैं। जहां लोगों में त्चचा संबंधी बीमारी, उल्टी, दस्त,सर्दी, जुकाम, पेट दर्द और कमजोरी के मामले मिल रहे हैं। सभी कैंप में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और एंटी स्नैक वेनम की उपलब्धता है। बाकी बाढ़ के बाद के हालात से निबटने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।“

अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग : सीएमएचओ डॉ. केशरी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने बताया: “15 अगस्त को प्रशानसिक अमले के साथ स्वास्थ्य अमला भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गया था। जहां संबंधितों को बाढ़ के दौरान और उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने पर विशेष जोर देने को कहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स की निगरानी में स्वास्थ्य शिविर संचालित किये जा रहें। हमारे पास जरूरी दवाएं मौजूद हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में उल्टी,दस्त, खुजली और सर्पदंश का ज्यादा खतरा रहता है। इससे बचने के उपाय लोगों को बताए जा रहे हैं साथ ही इससे निबटने के लिए भी हम तैयार हैं। सारंगढ़, पुसौर, सरिया व बरमकेला में स्वास्थ्य को लेकर जिले का पूरा स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग परी तरह से तैयार है और जमीनी स्तर पर बेहतर कार्य हो रहे हैं।“

बीमारियों से कैसे करें बचाव
पुसौर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके चंद्रवंशी कहते हैं: ” बाढ़ के दौरान गंदे पानी में बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिस कारण लोगों को कई प्रकार के त्वचा रोग भी हो जाते हैं। बाढ़ के बाद लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यता है। शुद्ध पानी से कई बीमारियों से निजात मिल सकता है। लोग को पानी उबालकर पीना चाहिए। साथ ही शरीर में आवश्यक खनिज आपूर्ति के लिए नारियल पानी या स्वच्छ पानी का उपयोग भी कर सकते हैं। बाढ़ के कई इलाकों में लोग पीने के पानी के लिए भूजल पर निर्भर होते हैं, इसलिए जीवाणु संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पानी में क्लोरीन भी मिला सकते हैं। विभाग द्वारा क्लोरीन के टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं। “

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button