
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों का जाल फैलता ही जा रहा है। इसके लिए जगह-जंगल को उजाड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में रायगढ़ के लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के मुड़ागांव और आसपास के जंगलों के पेड़ कटाई की जा रही है। इसके विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं। कटाई का विरोध करने वाले कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, मुडागांव में एक उद्योग समूह की एक परियोजना के लिए जंगल की कटाई शुरू की गई है। इस कार्य के लिए सैकड़ों पुलिस बल की तैनाती की गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में घने जंगल और जैव-विविधता से भरपूर वन क्षेत्र हैं, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका का भी आधार है।
बताया जा रहा है कि, महाजेनको के कोयला खदान के लिए जंगल कटाई की जा रही है। जंगल की कटाई की खबर ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। कटाई शुरू होते ही ग्रामीणों द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया। इस दौरान मौके पर पहुंचे पूर्व भाजपा विधायक सत्यनंद राठिया ने पेड़ों की कटाई और लोगों की गिरफ़्तारी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि कटाई के लिए तो ग्रामसभा भी नहीं ली गई है। वे इस मुद्दे पर ग्रामीणों के साथ हैं।
कटाई के लिए नहीं ली गई सहमति
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में घने जंगल और जैव-विविधता से भरपूर वन क्षेत्र हैं, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका का भी आधार हैं। कई लोगों ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ उनकी संस्कृति और आजीविका पर हमला बताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटाई के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई और न ही इसकी पर्याप्त जानकारी दी गई।
रायगढ़ में महाजेनको खदान के लिए वनों की कटाई का विरोध करने वाले शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने निंदा की है। पीयूसीएल का कहना है कि कम से कम 10 व्यक्तियों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।