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रायगढ़ में हर घर जल योजना फेल? मटमैले और बदबूदार पानी से परेशान लोग

रायगढ़। शासन की बहुप्रचारित हर घर जल और अमृत मिशन योजना की हकीकत नगर निगम क्षेत्र में सवालों के घेरे में है। करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए फिल्टर प्लांट और जल आपूर्ति व्यवस्था बरसात की शुरुआत के साथ ही चरमरा गई है। शहर के कई मोहल्लों और कॉलोनियों में नलों से मटमैला और बदबूदार पानी आ रहा है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

बेलादुला व चक्रधर नगर में स्थिति गंभीर

बेलादुला और चक्रधर नगर इलाके के निवासी लगातार शिकायत कर रहे हैं कि नलों से आने वाला पानी पीने तो दूर, निस्तारी लायक भी नहीं है। स्थानीय निवासी तिरुपति पटेल ने बताया, “हम हर साल जलकर भरते हैं, लेकिन न तो समय पर पानी मिलता है और जब आता है तो उसमें मिट्टी और बदबू होती है।”

केवल कागज़ों पर चल रही योजनाएँ?

नागरिकों का आरोप है कि नगर निगम और जल वितरण एजेंसियाँ सिर्फ कागजों पर योजनाओं का क्रियान्वयन दिखा रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। शहर भर में लगाए गए कई फिल्टर प्लांट या तो खराब हैं या अपनी क्षमता से काफी कम पर काम कर रहे हैं।

आर्थिक बोझ बढ़ा, लोग बोतलबंद पानी और हैंडपंप पर निर्भर

स्वच्छ जल न मिलने के कारण बोतलबंद पानी और हैंडपंप नागरिकों की मजबूरी बन गए हैं, जिससे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि शासन का “हर घर शुद्ध जल” का दावा वास्तविकता से कोसों दूर है।

नागरिकों की मांग – जल्द सुधारी जाए व्यवस्था

लोगों ने शासन और नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि जल आपूर्ति व्यवस्था की जांच कर तत्काल सुधार किया जाए, ताकि आमजन को उनके मौलिक अधिकार – स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सके। साथ ही खराब फिल्टर प्लांटों की तकनीकी जांच और नियमित रखरखाव सुनिश्चित करने की मांग भी उठ रही है।

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