बिलासपुर बना देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर, राष्ट्रपति ने सौंपा सम्मान

नई दिल्ली/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ का बिलासपुर शहर स्वच्छता के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ है। यह सम्मान 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मिला है। 2023 में 28वें स्थान पर रहे बिलासपुर ने इस बार शानदार प्रदर्शन कर शीर्ष तीन में जगह बनाई है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यह सम्मान छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव, बिलासपुर की महापौर पूजा विधानी और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार को सौंपा। कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन एवं शहरी मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य मंत्री तोखन साहू भी मौजूद रहे।
3 से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों की रैंकिंग:
- पहला स्थान – मीरा भयंदर (महाराष्ट्र)
- दूसरा स्थान – बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
- तीसरा स्थान – जमशेदपुर (झारखंड)
बिलासपुर में चार चरणों में हुआ सर्वेक्षण
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की प्रक्रिया अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 तक चली, जिसमें चार चरण शामिल थे:
- ग्राउंड रिपोर्टिंग
- नागरिक फीडबैक
- स्वच्छता लीग और वाटर प्लस मूल्यांकन
- गार्बेज फ्री सिटी मूल्यांकन
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने सर्वे की घोषणा होते ही एक विशेष टीम गठित कर शहर को स्वच्छता की दिशा में बदलने का अभियान तेज कर दिया।
ऐसे बदली तस्वीर, ऐसे लहराया परचम
1. डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण:
100% घरों से कचरा संग्रहण की व्यवस्था की गई। पुराने वार्डों में निजी कंपनियां और नए क्षेत्रों में स्वच्छता दीदियां नियुक्त की गईं।
2. नई कचरा गाड़ियाँ:
36 नई गाड़ियाँ खरीदी गईं। अब कुल 162 कचरा वाहनों से पूरे शहर में संग्रहण हो रहा है।
3. सफाई कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि:
सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाकर 2063 और बीट्स की संख्या 750 कर दी गई।
4. मैकेनाइज्ड और मैन्युअल स्वीपिंग:
49.34 किमी सड़कों की रोजाना सफाई की जा रही है।
5. C&D वेस्ट प्लांट:
तिफरा में निर्माण मलबे से उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्लांट स्थापित किया गया।
6. जागरूकता अभियान और शुभंकर:
‘बिल्लू बिलासपुरिया’ शुभंकर के माध्यम से नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
7. स्वच्छता पेट्रोल टीम:
गंदगी फैलाने वालों पर नजर रखने और 14.58 लाख रुपये का जुर्माना वसूलने वाली टीम तैनात की गई।
8. सार्वजनिक शौचालयों का सुधार:
79 शौचालयों का नवीनीकरण कर फीडबैक मशीनें लगाई गईं।
9. यूज़र चार्ज से आमदनी:
नागरिकों से सेवा शुल्क के रूप में 14.50 करोड़ की आय हुई।
10. अवैध होर्डिंग्स पर सख्ती:
अवैध बैनर और होर्डिंग्स हटाकर शहर को सुंदर स्वरूप दिया गया।