छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, रानू साहू व अन्य आरोपी जेल से रिहा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चर्चित कोयला घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ अधिकारियों को अंतरिम जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है। रिहा होने वालों में निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को सशर्त जमानत दी है और उन्हें छत्तीसगढ़ से बाहर रहने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट का मानना है कि यदि आरोपी राज्य में रहते हैं, तो इससे गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बनी रह सकती है। यही वजह है कि अदालत ने सभी को प्रदेश से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है।
ये हैं शर्तें:
सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट संबंधित अधिकारियों के पास जमा करना होगा।
वे जहां भी निवास करेंगे, उस स्थान की पूरी जानकारी स्थानीय पुलिस थाने में देनी होगी।
बता दें कि इस बहुचर्चित कोल व डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले में पहली गिरफ्तारी दिसंबर 2022 में सौम्या चौरसिया की हुई थी। इसके बाद जुलाई 2023 में IAS रानू साहू को भी गिरफ्तार किया गया था। इनके साथ अन्य नामों में समीर विश्नोई, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक शामिल हैं।
29 मई को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। वकील फैजल रिजवी ने बताया कि इस मामले में करीब ढाई वर्षों से जांच चल रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है।
यह मामला राज्य की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचलों के बीच एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।