छत्तीसगढ़ में जनसेवा का डिजिटल युग शुरू: राज्यभर में मॉडल सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की शुरुआत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में नागरिकों को अधिक पारदर्शी, तेज़ और सुविधाजनक सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए मॉडल सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों (एसआरओ) की स्थापना के पहले चरण की शुरुआत कर दी है। इस कदम का उद्देश्य प्रॉपर्टी और ज़मीन रजिस्ट्रेशन से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान और सुगम बनाना है।
आधुनिक तकनीक से लैस होंगे मॉडल एसआरओ
राज्य सरकार ने इन अत्याधुनिक कार्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी बीएलएस इंटरनेशनल को सौंपी है — जो विश्व स्तर पर टेक्नोलॉजी आधारित नागरिक सेवाओं के लिए प्रसिद्ध कंपनी है। राजधानी रायपुर में इस परियोजना का मुख्य केंद्र बनाया गया है, जो राज्यभर के अन्य 104 एसआरओ के लिए रोल मॉडल का काम करेगा।
पहले चरण में 19 कार्यालयों को डिजिटल मॉडल एसआरओ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिन्हें बाद में राज्य के शेष कार्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
सुविधाओं से भरपूर होगा नया अनुभव
प्रत्येक मॉडल सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में निम्न प्रमुख सुविधाएँ उपलब्ध होंगी:
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम
रियल-टाइम स्टेटस अपडेट
डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड
शिकायत निवारण काउंटर
फोटोकॉपी, प्रिंटिंग, डॉक्युमेंट स्कैनिंग
सीसीटीवी निगरानी, टोकन प्रणाली, एसी वेटिंग लाउंज
वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिए अलग काउंटर
स्वच्छ पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्था
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य न केवल नागरिकों को आसान सेवा देना है, बल्कि सरकारी कामकाज को भी उत्तरदायी और दक्ष बनाना है।
बीएलएस इंटरनेशनल की भूमिका
बीएलएस इंटरनेशनल के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं बीएलएस ई-सर्विसेस लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने कहा,
> “छत्तीसगढ़ सरकार के साथ यह साझेदारी हमारे लिए गौरव की बात है। ये कार्यालय स्थानीय शासन में विश्व स्तरीय मानकों को स्थापित करेंगे।”
वहीं, बीएलएस ई-सर्विसेस लिमिटेड के सीओओ लोकनाथ पांडा ने कहा,
> “ये मॉडल एसआरओ सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाएंगे। नागरिकों को अब जानकारी और सेवा एक ही जगह पर मिलेगी।”
छत्तीसगढ़ बना डिजिटल गवर्नेंस का अगुवा
देशभर में डिजिटल गवर्नेंस की ओर बढ़ते रुझान के बीच छत्तीसगढ़ की यह पहल एक नई मिसाल बन सकती है। रायपुर जैसे बड़े शहरों से लेकर दूरस्थ जिलों तक, ये आधुनिक एसआरओ शासन प्रणाली की सुलभता, पारदर्शिता और नवाचार की मिसाल बनेंगे।
डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने की दिशा में यह कदम न सिर्फ राज्य की प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी सरकारी सेवाओं को और अधिक सुलभ और सम्मानजनक बना देगा।