
रायगढ़। जिले के धनागर गांव में मंगलवार सुबह डीएपी खाद की भारी कमी को लेकर किसानों ने सड़क पर उतरते हुए मेन रोड पर चक्काजाम कर दिया। करीब 150 से अधिक किसान, आसपास के सात गांवों से एकजुट होकर विरोध जताने पहुंचे। किसानों का कहना है कि मांग के अनुरूप खाद नहीं मिलने से खेती पिछड़ रही है और फसलें खराब होने की कगार पर हैं।
सुबह करीब 9:30 बजे शुरू हुआ यह आंदोलन धनागर, जोरापाली, भगनपुर, कोसमनारा, जामपाली और कुसमुरा सहित कई गांवों के किसानों का आक्रोश लेकर आया। आंदोलनकारी किसानों ने बताया कि धनागर सहकारी समिति में 3500 बोरी डीएपी खाद की जरूरत है, लेकिन अब तक सिर्फ 500 बोरी ही भेजी गई है। इससे कई किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
पूर्व मंत्री उमेश पटेल पहुंचे मौके पर
किसानों के आंदोलन की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल भी किसानों के बीच पहुंचे और समर्थन जताया। उन्होंने राज्य सरकार पर खाद की आपूर्ति में लापरवाही का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही स्थिति नहीं सुधरी, तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
प्रशासन की समझाइश और आश्वासन
स्थिति बिगड़ते देख मौके पर तहसीलदार शिव कुमार डनसेना सहित प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और किसानों को समझाने की कोशिश की। अधिकारियों ने बताया कि तत्काल 600 बोरी डीएपी खाद मंगवाई गई है और अगले 2-3 दिनों में 1200-1300 बोरी अतिरिक्त खाद भी उपलब्ध करा दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद किसानों ने दोपहर 2 बजे आंदोलन समाप्त किया।
“4-5 दिन में नहीं मिला खाद तो फसल चौपट”
बनहर गांव के किसान अरविंद कुमार पटेल ने बताया कि डीएपी खाद की अनुपलब्धता ने उन्हें हताश कर दिया है। “हम रोपाई के लिए तैयार हैं लेकिन खाद नहीं मिलने से खेती में एक हफ्ते की देरी हो चुकी है। अगर 4-5 दिन और देरी हुई तो फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी,” उन्होंने कहा।
बिचौलियों पर नजर, अधिक दर पर बिक्री पर कार्रवाई
तहसीलदार डनसेना ने बताया कि खाद की व्यवस्था की जा रही है और छोटे किसानों को प्राथमिकता पर खाद वितरित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बिचौलियों पर नजर रखी जा रही है और यदि कोई निर्धारित शासकीय दर से अधिक मूल्य पर खाद बेचता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।