
रायगढ़। कोर्ट में जाली दस्तावेज पेश कर आरोपियों को जमानत दिलवाने वाले एक संगठित गिरोह का रायगढ़ पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। घरघोड़ा पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों — एक दलाल और एक पट्टाधारी — को गिरफ्तार किया है, जो किसान ऋण पुस्तिका में हेराफेरी कर लगातार धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।
सतर्कता से हुआ भंडाफोड़
इस धोखाधड़ी का खुलासा 5 जुलाई को घरघोड़ा न्यायालय में पदस्थ कर्मचारी प्रशांत कुमार सिंह की सतर्कता और माननीय न्यायाधीश श्री दामोदर प्रसाद चंद्रा की सूझबूझ से हुआ। प्रशांत ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी पद्मलोचन साव ने पहले तौहिद खान और फिर कौशिल्या बाई की जमानत के लिए एक ही ऋण पुस्तिका क्रमांक 2925098 का उपयोग किया। जांच में सामने आया कि पुस्तिका में पुराने पन्ने हटाकर नए कोरे पन्ने चिपकाए गए थे, जिससे दो बार अलग-अलग आरोपियों को जमानत मिल गई।
धोखाधड़ी का तरीका
आरोपी दलाल जगन्नाथ कसेरा और पट्टाधारी पद्मलोचन साव मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। वे ऋण पुस्तिकाओं के पहले इस्तेमाल किए जा चुके पन्नों को हटाकर उसमें नए पन्ने जोड़ते और बार-बार उपयोग करते थे। इसके बदले में वे मोटी रकम वसूलते थे। पूछताछ में पद्मलोचन साव कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका, जिससे मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ और गहराई से जांच की गई।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू के नेतृत्व में पुलिस ने अपराध क्रमांक 177/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया, और पद्मलोचन साव के पास से जाली दस्तावेज भी जब्त किए गए। पर्याप्त सबूतों के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपी:
पद्मलोचन साव (40 वर्ष), पिता स्व. भीम साव, निवासी ग्राम कोतासुरा, थाना पुसौर।
जगन्नाथ कसेरा (49 वर्ष), पिता स्व. रघुवीर कसेरा, निवासी ग्राम रैबार, थाना पुसौर।
सख्त संदेश
रायगढ़ पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार से फर्जी दस्तावेज बनाकर या उनके साथ छेड़छाड़ कर न्याय व्यवस्था को गुमराह करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आगे भी इस तरह के गिरोहों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।