अनिल अंबानी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की पहली गिरफ्तारी, 5 अगस्त को पूछताछ के लिए तलब

रिलायंस समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग और लोन फ्रॉड के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पहली गिरफ्तारी की है। ईडी ने बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हिरासत में लिया है। कोर्ट के आदेशानुसार, बिस्वाल 6 अगस्त तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे।
फर्जी बैंक गारंटी और करोड़ों का घोटाला
ईडी की जांच में सामने आया है कि BTPL ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत की थी। इस गारंटी में एसबीआई के नकली अप्रूवल लेटर और स्पूफ ईमेल आईडी से भेजे गए ईमेल शामिल थे। इस कार्रवाई से एक दिन पहले ईडी ने भुवनेश्वर और कोलकाता में BTPL के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
रिलायंस पावर से मिला फंड
जांच में यह भी सामने आया है कि BTPL को रिलायंस पावर की ओर से ₹5.4 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, जो कि फर्जी बैंक गारंटी के एवज में दी गई थी। ईडी के अधिकारियों के अनुसार, BTPL और रिलायंस के बीच हुए लेनदेन इस जांच की अहम कड़ी हैं। यह भी सामने आया है कि 2019 में स्थापित हुई इस कंपनी ने अपनी घोषित आय से कहीं अधिक लेन-देन किए हैं और इसके कई गुप्त बैंक खातों से करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है।
5 अगस्त को अनिल अंबानी से पूछताछ
मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए ईडी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। इससे पहले 1 अगस्त को ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था।
रिलायंस ग्रुप की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर रिलायंस समूह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वह और उसकी सहयोगी कंपनियां पूरी तरह से पारदर्शिता और ईमानदारी से काम कर रही हैं। समूह ने दावा किया कि वे इस मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। कंपनी ने यह भी बताया कि उन्होंने 7 नवंबर 2024 को इस मामले से जुड़ी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी थी और 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में एक आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई थी।