बरौद उपक्षेत्र विद्युत विभाग की उदासीनता की वजह से 48 घंटो से कॉलोनी में विद्युत व्यवस्था ठप्प।

शुध्द पेयजल के लिए भटकते रहे रहवासी
बरौद कॉलरी
सिंहघोष/एसईसीएल बरौद उपक्षेत्र की एकमात्र आवासीय परिसर बरघाट कॉलोनी जहां बिजारी,जामपाली तथा बरौद कॉलरी के अधिकारी व कोयला कर्मचारी व जिनके परिजन निवास करते हैं, कॉलोनी परिसर शिव मंदिर के समीप एक विभागीय ट्रांसफार्मर में बुधवार की रात्रि तकरीबन दस बजे तकनीकी खराबियॉ आई जिसके कारण रात भर विद्युत गुल रही,अधिसंख्य घरों में इनवर्टर रहने से लोगों को पता नहीं चला पर जिनके पास इनवर्टर नहीं है वो रातभर मच्छरों के हमले और उमस व गर्मी से सो ना सके,सुबह उठे तब विद्युत नहीं रहने से जल प्रदाय की व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न हो चुकी थी तब कॉलोनी वासियों को मालूम हुआ कि रात भर से विद्युत अदृश्य रही |
आवासीय कॉलोनी के सब स्टेशन का रखरखाव बदतर
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एसईसीएल कंपनी की सबसे छोटी आवासीय कॉलोनी कोल इंडिया में बरौद उपक्षेत्र को मानी जाती है, पर इस कॉलोनी में विद्युत व्यवस्था का भगवान ही मालिक है रखरखाव के नाम पर एक विभागीय कर्मी को अनेकों वर्षों से प्रबंधन ने जरूर पदस्थ किया है,पर असमय हुए विद्युत गुल को सुधार करना रखरखाव किए जाने की गतिविधियॉ रहवासियों को कभी भी दिखलाई नहीं दी,कहा जाता है कि जब तक खदान से विद्युतकार नहीं आएंगे कॉलोनी की छोटी सी तकनीकी खराबियों के फॉल्ट को दूर करना अनेकों-अनेक दिन लग जाते हैं,इस अव्यवस्था पर प्रबंधन को संज्ञान लेने की आवश्यकता है ताकि कॉलोनी के रहवासियों को दिन और रात निर्बाध गति से विद्युत की बहाली हो सके जिससे जल प्रदाय की व्यवस्था में निरंतरता बनी रहे |
विभागीय सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कॉलोनी में स्थित 33 केव्ही/ 3.3 केव्ही के सब स्टेशन कंट्रोल सिस्टम का समयानुसार रखरखाव नहीं होने के परिणाम स्वरूप उक्त फाल्ट का होना बताया जा रहा है |
दो रात दो दिनों से तरंगे अदृश्य
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गत बुधवार की गई कॉलोनी की विद्युत तरंगे समाचार लिखे जाने तक अदृश्य रही,कॉलोनी में स्थापित 400 केवीए का ट्रांसफार्मर जलने के बाद दूसरे दिन संध्या बिजारी ओसीएम से लाई गई जिसको पावर सप्लाई दी गई किंतु इस पर सफलता नहीं मिली दिन और रात भर फिर विद्युत अदृश्य रही,आज छाल उपक्षेत्र से ट्रांसफार्मर स्थानीय प्रबंधन द्वारा मंगवाया गया है,जिसे चालू करने पर ही ज्ञात होगा कि दो रात दो दिनों बाद विद्युत की बहाली होती है या तीसरे रात्रि पहर भी तरंगे अदृश्य रहेगी यह आने वाला समय ही बतलायेगा !