रायगढ़

जिले में कोविड मरीज भगवान भरोसे जीवन रक्षक सुविधाओं के अभाव और लापरवाही के कारण लगातार जा रही है कोविड पीड़ितो की जान

सिंहघोष/रायगढ़- रायगढ़,जिले के सबसे बड़े कोविड अस्पताल mch में अव्यवस्था का आलम कुछ ऐसा है,कि यहां लगातार कोविड मरीजों की जानें जा रही हैं। इसके विपरीत mch प्रबन्धन व्यवस्था में सुधार का प्रयास करते नही दिख रहा है। जबकि जिले में बीते सप्ताह से लगातार कोविड संक्रमितों की संख्या तो बढ़ ही रही है। वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ा है। जिले में सबसे ज्यादा मरीजों की मौत भी mch अस्पताल में भर्ती होने के बाद हुई है।

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से जुड़ा ऐसा तीन वाक्या आज तब प्रकाश में आया जब मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक कोविड मरीज की हालत बिगड़ने की सूचना पर उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पाया कि यहां कोविड सेवा में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही चरम पर है। यहां भर्ती मरीज की जान जाने की स्थिति में भी कोई डॉक्टर रेड ज़ोन में नही आता है। ज्यादातर समय ऐसे ट्रेनी स्टाफ को ही भेज दिया जाता है। जिन्हें covid मरीजों को ठीक से चेक करना भी नही आता है। वे खुद कनफ्यूज रहते है कि कौन सा इंजेक्शन,किस मरीज को,कितनी मात्रा में, कब दिया जाना है। इस तरह mch में आक्सीजन सिलेंडर को लगाने वाला भी कोई नही रहता है। बीमार मरीज को दो दिनों से वेंटिलेटर की आवश्यकता थी परन्तु आज शाम 7 बजे उसे तब वेंटिलेटर मिला जब खुद कलेक्टर ने पहल की। इसके पहले चार वेन्टीलेटर खराब हैं बताकर उसे लगाया नही गया था।

वही दूसरे मामले में यहां इलाजरत एक मरीज जिसका नाम मनोरंजन घोष उम्र 70 वर्ष निवासी कल्याण कॉलोनी रेलवे स्टेशन रायगढ़ बताया जा रहा है । मरीज का हाल चाल जानने परिजनों ने सुबह 9 बजे डॉक्टर को फोन कियॉ तो उसका कहना था कि उनको oxyzan लगा है। जबकी दूसरे अस्पताल स्टाफ का कहना था, कि मनोरंजन घोष का देहांत सुबह 5 या 6 बजे ही हो गया था। वहां पूछने पर भी वहां कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। परिजनों ने किसी तरह अस्पताल में भर्ती किसी covid मरीज से सुबह 8.30 बजे तक whatsup में मृतक मनोरंजन घोष की तस्वीर मंगवा ली थी। इसके बाद भी उन्होंने mch के डॉक्टर को 9.30 बजे कॉल किया तो उसने बतया कि उनको oxyzan मे रखा गया है। जब वे जबरदस्ती अस्पताल में पहुंचे तो उनकी आंखें खुली रह गई मृतक का शव घण्टों बाहर लावारिस रखा हुआ था,उसके शव के पास फर्श पर खून बिखरा पड़ा था। जिसे घण्टों तक साफ ही नही किया गया था।

वही तीसरी घटना में सारँगढ़ बस स्टैंड निवासी मोहम्मद नईम ने मीडिया को बताया कि चार पांच दिन पहले उनकी पत्नी को यहां भर्ती कराया था। तब उसका प्लस रेट सही था। धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ने लगी। mch में न तो आक्सीजन सिलेंडर मिला न ही इसे वेंटिलेटर दिया गया। ऑक्सीजन सिलेंडर वो खुद खरीद कर लाये। बहुत हाथ पैर जोड़ने पर दो घण्टे बाद आक्सीजन लगा। परन्तु बिगड़ती हालत के बीच वेंटिलेटर खराब है कहकर नही दिए जाने पर आज उनकी पत्नी की मौत हो गई। उनका परिवार और बच्चे आज अनाथ हो गए।

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