शहर का मेकाहारा अस्पताल बनाम रिफर सेंटर…।।

कमीशनखोरी की आदत से मजबूर कर्मचारी मरीजों को छोटी-बड़ी जांच अथवा इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में भेजने का चला रहे है धंधा ….।।
सिंहघोष/रायगढ़-28.8.21- वैसे तो शहर का किरोड़ीमल शासकीय मेडिकल कालेज अस्पताल अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। लेकिन अस्पताल में पदस्थ कुछ कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों से इतर सिर्फ कमीशनखोरी के चक्कर मे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों या उनके परिजनों को अलग-अलग जांच के नाम निजी अस्पतालों या लैब में भेजने के काम कर रहे है। जहां उनसे मनमानी रकम वसूल की जाती है। हालांकि इस गम्भीर विषय को लेकर पहले भी कई बार मेडिकल कालेज के अफसरों को सूचना दी गई है। परन्तु उनके द्वारा उचित कार्यवाही नही किये जाने की वजह से मरीजों और उनके परिजनों का शोषण बदस्तूर जारी है।
आज ऐसा ही एक मामला तब प्रकाश में आया जब एक सामाजिक कार्यकर्ता पवन शास्त्री ने अपने एक परिचित रमेश को लेकर सामने आए जिसकी धर्मपत्नी डिलेवरी के लिए मेकाहारा में भर्ती है। उसे अस्पताल के कर्मचारियों ने ब्लड सेम्पल देकर पास स्थिति निजी अस्पताल संजीवनी में hsb टेस्ट कराने के लिए भेज दिया। इस पर जब श्री शास्त्री ने मेकाहारा के कर्मचारियों से पूछा कि इतने साधारण से टेस्ट की व्यवस्था इतने बड़े मेडिकल कालेज अस्पताल में नही है,जो आप इसे निजी अस्पताल भेज रहे है तो वहाँ मौजूद कर्मचारी ने उनसे मुँह छुपाना बेहतर समझा। श्री शास्त्री ने यह भी बताया कि अभी कुछ दिन पहले शहर के मस्ता गली निवासी उनके एक परिचित व्यक्ति को मेकाहारा के कर्मचारियों ने ऐसे ही एक टेस्ट का नाम लेकर निजी अस्पताल भेजा था जहां उन्हें 1हजार रुपये चुकाने पड़े थे। उनके पास अक्सर लोगों का फोंन आता है कि साधारण से साधारण बीमारियों की जांच के लिए अगर मरीज मेकाहारा आते है तो यहां के कर्मचारी और डाक्टर किसी न किसी बहाने उन्हें जांच या इलाज के लिए निजी अस्पतालो या जांच केंद्रों में भेज देते है। जहां उन्हें मोटी रकम चुकानी पड़ती है। जबकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी इतने बड़े मेडकिल कालेज अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होने का दावा करते है।