सारंगढ़:- उपजेल मे आत्महत्या करने वाले कोरोना संक्रमित मृतक का शव रिहायशी क्षेत्र में दफनाया…।।मोहल्ले मे मचा बवाल,

सिंहघोष/रायगढ़/सारंगढ-21.01.22-
सारंगढ़ में उपजेल मे विचाराधीन कैदी जो कि कोरोना संक्रमित पाया गया था उसके द्वारा फांसी लगाकर किया गया आत्महत्या के मामले मे पोस्टमार्डम के बाद शव को वार्ड क्रमांक 13 के पास बाल उद्यान के लिये प्रस्तावित भूमि पर दफन करने का मामला सामने आया है। इससे मोहल्लेवासियो मे आक्रोश फैल गया है। वही कोरोना पाजीटिव मिला युवक का शव का निर्धारित स्थल पर दफन करने या अंतिम संस्कार करने के स्थान पर बाल उद्यान के स्थान पर दफन करने के लिये जिम्मेदार कौन है? इस सवाल का जवाब देने से अधिकारी बचते रहे।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ में कल उपजेल मे विचाराधीन बंदी ने आत्महत्या कर लिया था। मृतक का नाम खीरोंदर उर्फ ओड़िया पिता मालिक राम साहू उम्र 40 वर्ष ग्राम नुनिया जामपाली बुर्ला थाना बरगढ़ जिला बरगढ़ था जिसका शव को कोरोना संक्रमित होने के कारण से परिजनो ने लेने से इंकार कर दिया। इस विचाराधीन कैदी की आत्महत्या करने के बाद उसका शव को पोस्टमार्टम के लिये सारंगढ़ अस्पताल लाया गया तथा पोस्टमार्टम करने के बाद उसका शव को सारंगढ़ पुलिस को सौप दिया गया। किन्तु इस मामले मे सारंगढ पुलिस ने लापरवाही करते हुए शव को पोस्टमॉर्टम कक्ष के पास ही रिक्त स्थान पर गड्ढा करके दफन कर दिया। इस बारे मे जानकारी मिलते ही वहा पर गाड़ा घाट पुलिया के पास के रहवासीयो ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस और प्रशासन को इस स्थान पर कोरोना संक्रमित मृतक का शव का दफन करने के लिये मोहल्लेवासियो ने आपत्ति किया और मृतक का शव को कोरोना संक्रमितो के लिये निर्धारित किया गया स्थान पर दफन करने के लिये मांग किया किन्तु तब तक शव को गड्ढ़ा कर दफन कर दिया गया था। जिस पर सारंगढ़ पुलिस ने शव को निकालकर अन्य स्थान पर दफन करने के लिये एसडीएम सारंगढ़ से अनुमति लेने की बात कही किन्तु आज दिन भर एसडीएम सारंगढ़ से इस संबंध मे अनुमति नही मिल पाई। वही पूरे मामले में मोहल्लेवासियो का साफ कहना था कि जिस स्थान पर शव को दफन किया गया है वह स्थान मुक्तिधाम अथवा शव दफन का स्थान नही था बल्कि वह स्थान बाल उद्यान के लिये प्रस्तावित है तथा वहा पर 22 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 10 लाख रूपये के अहाता निमार्ण के लिये वर्चुअल भूमिपूजन भी किया गया है। वही इस स्थान पर मोहल्ले के छोटे-छोटे बच्चे खेलने के लिये जाते है। ऐसे मे वहा पर कोरोना सकंमित युवक का शव को दफन करने के मामले प्रशासन के खिलाफ मोहल्ले मे तीखा आक्रोश है।
गार्डन के लिये आरक्षित भूमि पर आखिर कोरोना संक्रमित का शव दफन कैसे?
इस मामले मे मोहल्लेवासियो ने बताया कि जब शासन के द्वारा कोरोना संक्रमित मृतको के लिये विशेष गाईडलाईन के साथ अंतिम संस्कार करने के लिये मुक्तिधाम का चयन किया हुआ है और कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए कोरोना संक्रमितो का शव का अंतिम संस्कार की व्यवस्था किया गया है तो आखिर किस कारण से गार्डन के लिये आरक्षित भूमि पर मृतक का शव को दफन किया गया है। पोस्टमार्डम कक्ष के पास रिक्त भूमि पर दो फीट गहरा गड्ढा करके जिस प्रकार से मृतक युवक का शव को दफन कर दिया गया है उससे मोहल्ले में खासा आक्रोश व्याप्त है।
नही मिल पाई एसडीएम से अनुमति?
इस मामले मे सारंगढ़ पुलिस का कहना है कि शव दफन का कार्य हो गया था जिसके बाद आपत्ति की जानकारी मिली है। नियमानुसार दफन किया गया शव को निकालकर दूसरे स्थान पर अंतिम संस्कार करने के लिये एसडीएम से अनुमति प्राप्त करनी होती है। किन्तु आज पंचायत के उपचुनाव को लेकर व्यस्तता के कारण से एसडीएम से अनुमति सारंगढ़ पुलिस को नही मिल पाया इस कारण से दफन किया गया कोरोना संक्रमित का शव को वहा से निकालने का कार्य नही हो पाया।
आखिर किसकी है जिम्मेदारी?
इस पूरे मामले मे जो बात छनकर सामने आ रही है उसके मुख्य रूप से लापरवाही वाली बात आ रही है। आखिर कोरोना संक्रमित मृतक का शव को पोस्टमार्डम के बाद किसके आदेश से गार्डन के लिये आरक्षित भूमि पर दफन कराया गया। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मृतक को मुक्तिधाम मे अथवा ऐसे स्थान पर दफन करना था जहा पर कोरोना संक्रमितो का शव को दफन करने के लिये गाइड लाइन के तहत चिन्हित किया गया है। किन्तु पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग, नगर पालिका और स्वास्थ विभाग के द्वारा आपसी समन्वय नही बरतते हुए अपने मन से कोरोना संक्रमित युवक का शव को दफन कर दिया। गार्डन के लिये प्रस्तावित भूमि पर किसके आदेश से कोरोना संक्रमित युवक का शव का दफन किया गया तथा इसके लिये नगर पालिका के अधिकारियो की क्या जवादबारी है? इसकी जांच और दोषी पाये जाने पर कार्यवाही भी जरूरी है।