रायगढ़

अधिवक्ता संघ की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज़..। टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन करेंगे धरना प्रदर्शन…।।

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रायगढ़ के अधिवक्ता दो पुतलों को रोज मारेंगे दो- दो जूते…।।

अधिवक्ता-आशीष मिश्रा

सिंहघोष/रायगढ़-16.02.22- अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज कर दी गई है। संघ की ओर से यह ऐलान किया गया है कि आज से टेंट लगाकर अधिवक्ता संघ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगा।

धरना स्थल पर खड़े किए जाएंगे भ्रष्टाचार के दो पुतले:-

अधिवक्ता संघ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि धरना प्रदर्शन के दौरान धरना स्थल पर दो पुतले खड़े किए जाएंगे। एक पुतला नंगा-भ्रष्टाचार का होगा तो वही दूसरा पुतला भ्रष्टाचार के समर्थक का होगा। जब भी अधिवक्ता न्यायालय में प्रवेश करेगा उसके पहले धरना स्थल पर लगे इन दो पुतलों, नंगा भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार के समर्थक को दो-दो जूते रसीद करेगा। अधिवक्ता संघ की ओर से लिए गए इस फैसले के बाद स्थिति एकदम स्पष्ट है कि अब किसी भी हाल में भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा और न ही इनके समर्थकों को छोड़ा जाएगा अर्थात जूते दोनों को पड़ेंगे तब तक, जब तक कि भ्रष्टाचार कम से कम राजस्व न्यायालयों से भाग नहीं जाता है और यहां फैसले बिकने बंद नहीं हो जाते हैं।

राजस्व न्यायालय के मामलों की नहीं होगी नोटरी:-

अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से लिए गए अहम फैसले में एक फैसला यह भी है कि आज से राजस्व न्यायालय के किसी भी मामले के दस्तावेज में कोई भी नोटरी, नोटरी अधिवक्ता के द्वारा नहीं किया जाएगा। अधिवक्ता संघ की ओर से लिए गए इस फैसले का व्यापक असर राजस्व न्यायालयों में चल रहे मामलों पर पड़ेगा और वहां हो रहे कामकाज ऊपर पड़ेगा।

अब बिना गणवेश के न्यायालय में उपस्थिति देंगे वकील:-

अधिवक्ता संघ की ओर से एक और भी फैसला लिया गया है जिसमें यह कहा गया है कि कोई भी अधिवक्ता आज से गणवेश नहीं पहनेगा, अर्थात अब आप को न्यायालय में काले कोट नजर नहीं आएंगे। भ्रष्टाचार के विरुद्ध हो रही लड़ाई में अधिवक्ताओं के विरोध का यह अनूठा प्रदर्शन होगा। पैरवी के दौरान अधिवक्ता बिना यूनिफार्म के ही नजर आएंगे।

जारी है राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार:-

रायगढ़ बार काउंसिल की ओर से लगातार राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार जारी है यह स्थिति न केवल रायगढ़ मुख्यालय की है बल्कि प्रदेश के अधिकांश राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ता संघ की ओर से राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार किया गया है जिससे बुरी तरह राजस्व न्यायालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है और वहां चल रही भ्रष्टाचार की दुकान को घाटा लग रहा है।

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