रायगढ़

स्थानीय पत्रकारों की उपेक्षा राजनेताओं पर पड़ेगी भारी…।चौधरी की वजह से भाजपा तो कुछ कांग्रेसियों वजह से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का हो सकता है बहिष्कार…।।

सिंहघोष/रायगढ़.06.07.22. विगत कुछ समय से शहर के युवा पत्रकारों में अपनी लगातार हो रही उपेक्षा से नाराजगी अब राजनेताओं की पत्रकार वार्ता में साफ नजर आने लगी है। पिछले दिनों भाजपा कार्यालय में ओ पी चौधरी से नाराज पत्रकारों ने उनकी वार्ता का बहिष्कार किया था जिसके बाद कुछ स्थानीय नेताओं ने उसी समय सुलह कराने की बात कही व पत्रकारों के विरोध को हल्के में लेकर भूल गए इसी क्रम में आज फिर भाजपा कार्यालय में सांसद महोदया व ओ पी चौधरी की पत्रकार वार्ता आयोजित थी जिसके लिए कुछ स्थानीय युवा राजनेताओं को व्यक्तिगत मोबाइल पर सूचना भी दी गई लेकिन युवा पत्रकारों ने आपसी सलाह कर विरोध जारी रखने का निर्णय लिया और पत्रकार वार्ता का बहिष्कार किया गया।

दोनों ही पार्टी के स्थानीय राजनेता पता नहीं किस मुगालते में है की महज कुछ लोगों की बदौलत उकनी नैया पार लग जायेगी जबकि उनको ये ध्यान में रखना चाहिए पिछले विधानसभा चुनाव,पंचायत चुनाव में इन्ही युवा पत्रकारों में चुनाव की दशा व दिशा बदल दी थी। फील्ड में काम करने वाले पत्रकार अपनी शैली,छवि की वजह से पहचाने जाते है और इनके भी लाखों की संख्या में वियुवर,फालोवर है।

ये किसी नेता/पार्टी का विरोध कतई नहीं है। पार्टी के बूते खुद को खुदा समझने वाले जिले के राजनेताओं को स्थानीय पत्रकारों ने आईना दिखाया है। लगातार हो रही उपेक्षा और दुर्व्यवहार से आजिज आकर रायगढ़ के स्थानीय पत्रकारों ने कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पार्टियों के आयोजनों, प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि के बहिष्कार करने की घोषणा की है। आगामी दिनों में मुख्यमंत्री का जिले का दौरा है ऐसे में संभव है कि यह बहिष्कार की आंच इस कार्यक्रम तक भी पहुंचे।

पत्रकारों ने बताया कि बुधवार को बीजेपी कार्यालय में रखी बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का 50 से अधिक पत्रकारों ने बहिष्कार किया। आरोप लगाया कि बीजेपी का जिला नेतृत्व लगातार उनकी उपेक्षा कर रहा है। यह तीसरी मर्तबा है जब लगातार बड़ी तादाद में बीजेपी के प्रेस कॉन्फ्रेंस का स्थानीय पत्रकारों ने बहिष्कार किया।

पत्रकार बताते हैं कि ओपी के कारण जिले में भाजपा की भद्द पिटी है। प्रदेश स्तर के नेता होने के बावजूद वह बारिकियों को नहीं समझ नहीं पा रहे हैं। 2018 के चुनाव में उनके अपने ही कंसोल नहीं कर पाए थे। साढ़े तीन साल बाद भी यह बात उन्हें समझ नहीं आ रही है। खास लोगों से घिरे रहने वाले ओपी अपने औरा से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं और उसी चश्में से वह सभी को देख रहे हैं। उनके साथ जिला इकाई के लोग भी अपने ही भेड़ चाल में उन्हें चला रहे हैं। भाजपा का राज्य नेतृत्व अपने जिले की इकाई को सक्रिय रखने के लिए केंद्रीय योजनाओं-गतिविधियों का प्रचार-प्रसार के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए निर्देशित किया है पर यहां रायगढ़ में ऐसा नहीं है। प्रदेश का संगठन उनके इन क्रियाकलापों को देख रहा है।

मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में जन संवाद बढ़ाने के लिए और आगामी विधानसभा में जीत सुनिश्चित करने के लिए लगातार भेंट-मुलाकात कर रहे हैं। अभी तक 22 के करीब जिलों का उन्होंने दौरा किया है। आगामी दिनों में उनका रायगढ़ आना तय है ऐसे में कांग्रेसियों की परेशानी बढ़ सकती है कि उनका नेता गांव-गांव घूमकर लोगों से जनसंपर्क कर रहा है और स्थानीय नेता जनसंपर्क को स्थापित करने वाले लोकतंत्र से चौथे स्तंभ से रार मचाए हुए हैं। स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि यह विरोध सिर्फ बीजेपी का नहीं है कांग्रेस का भी है। साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कांग्रेसियों ने भी स्थानीय पत्रकारों की लगातार उपेक्षा की है जिसका व्यापक रोष 50 से अधिक पत्रकारों में है। आने वाले दिनों में पत्रकारों की मुहिम से जिलेभर के और पत्रकार जुड़ेंगें।

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