रायगढ़

डेंगू रोग के लक्षण एवं बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी


सिंहघोष/रायगढ़, 6 सितम्बर 2022.वर्तमान समय मौसम में आये बदलाव व रुक-रुक के हो रहे बारिश के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति बनी हुई है एवं मच्छरों की उत्पत्ति स्थल व संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके कारण डेंगू जैसे मच्छर जनित रोग के केश बढऩे कि संभावना हैं।
उल्लेखनीय है कि वेक्टर (मच्छर) जनित रोग का बचाव एवं नियंत्रण आमजन के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है। डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एक खास प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू वायरस मुख्य रूप से एडीज प्रजाति के मादा मच्छरों द्वारा फैलता है। ये छोटे काले रंग के मच्छर पेट और पैरों पर सफेद रंग के धारियां होते हैं। ये मच्छर चिकन गुनिया, येलो फीवर और जीका वायरस के भी वाहक हैं। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है क्योकि इसमें हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है और कई दिनों तक रहता है। एडीज इजिप्टी मच्छर किसी भी प्रकार के मानव निर्मित कंटेनर या कंटेनर में अंडे देती है। पानी की थोड़ी मात्रा भी अंडे देने काफी होती है। एडीज एजिप्टी के अंडे बिना पानी के एक साल से अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। यह दिन में काटने वाला, मुख्य रूप से घरेलू और पेरिडोमेस्टिक स्थितियों में मनुष्यों पर बार-बार काटता है। संक्रमित एडीज मादा मच्छर के दिन तथा घरों के भीतर लाइट की दूधिया रौशनी में काटने से लोगों में फैलता है। इसके मच्छर घरों के आसपास साफ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। एडीज मच्छर घरों के अंदर और आसपास ठहरे हुए पानी में अंडे देतेे हैं। एडीज मच्छर कंटेनर ब्रीडर हैं जैसे सीमेंट टैंक, ओवर हेड टैंक, भूमिगत टैंक, टायर, डेजर्ट कूलर, मटकी, फेंके गए कंटेनर, जंक सामग्री, गड्ढे, छत, खिड़की पैरापेट, सजावटी फव्वारा, बांसपॉट, मनीप्लांट की बोतल आदि। जिसमें एक सप्ताह से अधिक समय तक पानी जमा रहता है, वहाँ एडीज मच्छर पनपते हैं।
डेगू बुखार होने पर अचानक तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और मतली या उल्टी होती है। त्वचा पर चकत्ते और रक्त में प्लेट लेट्स की मात्रा कमी आना, कभी-कभी डेंगू से पीडि़त रोगी को नाक, मसूड़ों या त्वचा से रक्त स्राव जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। जहाँ 1 सप्ताह से अधिक जल संग्रह होता है वहां डेंगू जैसे रोग फैलने वाले एडिस मच्छर का प्रजनन होता है तथा नियमित ठहरे हुए पानी की साफ-सफाई ना होने के कारण इन मच्छरों का लार्वा उत्पत्ति का स्रोत बन जाता है जिससे बीमारियों का प्रकोप अत्याधिक रहता है। प्रयोगशाला में इलिजा परीक्षण द्वारा डेंगू संक्रमण की पुष्टि करते हैं। एक संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से अन्य व्यक्तियों में संक्रमण नहीं फैला सकता है, लेकिन लगभग 6 दिनों तक मच्छरों के लिए डेंगू वायरस का स्रोत हो सकता है। स्वयं को मच्छरों के काटने से बचावें। मच्छर के काटने से बचने हेतु लंबी बाजू के कपड़े पहने, छोटे बच्चों को मच्छरदानी में रखे, मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। घर के आसपास खाली जमीन में पानी जमा हो तो जला हुआ तेल आदि डाल सकते हैं। इन तेलों में पानी की सतह पर फैलने की क्षमता होती है और इस प्रकार पानी की सतह पर एक पतली फिल्म बनाते हैं जो श्वसन के लिए अवरोध पैदा करता है और दम घुटने के कारण लार्वा मर जाते हैं। खिड़की, दरवाजों और मच्छर प्रवेश करने के स्थान को मच्छर रोधी जाली से स्क्रीनिंग करें। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घरेलू कीटनाशक एरोसोल, मच्छर कॉइल या अन्य कीटनाशक वेपोराइजर का उपयोग करना।

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