पाली जनपद में मनमानी का मामला: सीईओ ने डाटा एंट्री ऑपरेटरों को हटाया, एक झटके में हुए बेरोजगार, जिला प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

कोरबा पाली : जनपद पंचायत पाली में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) भूपेंद्र सोनवानी एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सीईओ पर अब मनमानी तरीके से वर्षों से कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को कार्य से हटाने का आरोप लगा है। इस फैसले से प्रभावित कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गए हैं और उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, सीईओ ने पंचायतों को मिलने वाली 15वें वित्त आयोग की राशि के संचालन का कार्य नियमों को दरकिनार करते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान योजना) के एक संविदा कर्मचारी सत्यप्रकाश जायसवाल को सौंप दिया है। इस निर्णय के बाद जनपद कार्यालय में 15वें वित्त के आहरण और व्यय से जुड़े कार्यों में वर्षों से सेवाएं दे रहे डाटा एंट्री ऑपरेटरों को हटा दिया गया है।
आरोप है कि बिना किसी स्पष्ट कार्ययोजना के पंचायतों को मनमाने ढंग से राशि वितरित की जा रही है, और इसके पीछे कमीशनबाजी की बात भी सामने आ रही है। वहीं, हटाए गए ऑपरेटरों का कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ वर्षों तक सेवा दी, फिर भी उन्हें बिना कारण कार्यमुक्त कर दिया गया।
हालांकि अधिकारी पक्ष का कहना है कि डाटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति अस्थायी और गैरशासकीय थी, तथा आवश्यकता न होने पर किसी को भी कार्य से हटाया जा सकता है। लेकिन प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला व्यक्तिगत हितों के चलते लिया गया है और यह उनके साथ अन्याय है।
इस पूरे मामले को लेकर डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने जनपद सीईओ के खिलाफ आवाज उठाई है और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है।