कोरबा प्रशासन के नाक के नीचे विभाग आपस में गंठजोड़ कर रहे भ्रष्टाचार

जिला खनिज , वनविभाग ,पर्यावरण और अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पोड़ी उपरोड़ा के द्वारा पर्यावरण,जलवायु और वन परिवर्तन मंत्रालय (प्रभाव आकलन प्रभाग) द्वारा पारित कार्यालय आदेश दिनांक 28.08.2019 का खुलेआम कर रहे है उल्लंघन ।
(पत्रकार राकेश परिहार की रिपोर्ट)
मामला पंचायत कोनकोना के ग्राम घोघरा स्थित गिट्टी खदान में राखड़ पटाई का है । जहां जिला खनिज अधिकारी, वन मंडला अधिकारी कटघोरा और पर्यावरण विभाग के द्वारा पर्यावरण,जलवायु और वन परिवर्तन मंत्रालय (प्रभाव आकलन प्रभाग) के आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है । पर्यावरण,जलवायु और वन परिवर्तन मंत्रालय (प्रभाव आकलन प्रभाग) का स्पष्ट आदेश है किसी भी तरह के पानी के स्रोत से 500 मीटर के अंदर रखड़ डंप नहीं किया जाएगा ।
उसके बाद भी जिला खनिज अधिकारी, वन मंडला अधिकारी कटघोरा और पर्यावरण विभाग के द्वारा यह जानते हुए भी कि तान नदी जल भंडारण टैंक जिसमें रखड़ डंप किया जा रहा से मात्र 50 मीटर की दूरी पर है एन ओ सी प्रदान कर दी गई ।
बता दे कि दिलीप बिल्डकॉन को अस्थाई तौर पर सड़क निर्माण हेतु खनिज विभाग कोरबा द्वारा गिट्टी खनन हेतु इजाजत दी थी और शासन माइनिंग प्लान में भविष्य की उपयोगिता के रूप में उत्खनन से उत्पन्न जगह का उपयोग जल भंडारण टैंक के रूप में करने का स्वीकृत किया था ।
सवाल यह है कि क्या पूर्व में स्वीकृत माइनिंग प्लान को अस्वीकृत किया जासकता है ?
सवाल यह भी है कि क्या पानी के किसी भी तरह के स्रोत को राखड़ से पाटा जासकता है ?
सवाल यह भी क्या नदी से 500 मीटर दूरी के अंदर रखड़ डंप करने की इजाजत दे सकती है?
जी हाँ हम बात कर रहें है कोरबा प्रशासन के विभाग खनिज, वनविभाग ,पर्यवारण और पंचायत के द्वारा भ्रष्टाचार के लिए गठजोड़ बना कर भ्रष्टाचार का खेला किया जा रहा है और विभागों के द्वारा आपस में मिलीभगत कर रखड़ को तान नदी के 500 मीटर के दायरे में डंप किया जा रहा है जबकि जल भंडारण गड्ढा तान नदी से मात्र 50 मीटर की दूरी पर है।
पर्यावरण, जलवायु और वन परिवर्तन मंत्रालय (प्रभाव आकलन प्रभाग) द्वारा पारित कार्यालय आदेश दिनांक 28.08.2019 के अनुसार रखड़ को जल निकाय में बहने से रोकने के लिए बंद खदानों में राख को पाटने से बचाने के लिए नदी/जल निकायों से कम से कम 500 मीटर की दूरी में निकासी होनी चाहिए।
पंचायत कोनकोना के खदानों में फ्लाई ऐश को डंप करना MOEFCC के निर्देशों के विरुद्ध है।
शिकायतकर्ता गोविंद शर्मा के द्वारा उक्त विभागों के खिलाफ कलेक्टर कोरबा से शिकायत की गई है अब देखना यह है कि उक्त शिकायत पर कलेक्टर कोरबा द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है ।