“The greatest superintendent of police Santosh kumar singh”—आरोपी से सांठ-गांठ की एस.पी को मिली सूचना,जांच कराकर आरक्षक को किये सस्पेंड…।

पिछले 1 साल में 10 कर्मचारियों को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही पर किये गए हैं निलंबित…।
सिंहघोष/रायगढ़-
एसपी रायगढ़ श्री संतोष कुमार सिंह आरोपियों पर जितने सख्त हैं, वहीं अपने अधिनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों को अनुशासित देखना चाहते हैं। इनके द्वारा जिले में अच्छे कार्य करने वालों को “कॉप आफ द मंथ” दिये जाने की परम्परा प्रारंभ की गई है। दूसरी ओर अनुशासनहीनता व कार्य में लापरवाही पर सख्त एक्शन लेते हैं। अपने पिछले एक साल के कार्यकाल में उन्होंने पुलिसिंग में कमी को लेकर कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने,आदतन गैरहाजिर रहने वाले तथा विवेचना कार्य में त्रुटि पाए जाने पर 10 प्रधान आरक्षक/आरक्षकों की जांच कराकर निलंबित किए। वहीं इनके कार्यकाल में पूर्व के तथा वर्तमान में विभागीय जांच उपरांत 07 पुलिसकर्मियों को सेवा से पृथक किया जा चुका है। इसके अलावा कई अधिकारियों की फाइलें प्राथमिक जांच उपरांत वरिष्ठ अधिकारियों की ओर अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी गई है। अनुशासन प्रिय पुलिस अधिकारी एसपी श्री संतोष सिंह अनुशासनहीनता पर कोई मुरव्वत नहीं करते। ऐसे पुलिस अधिकारी को दिनांक 03.11.2020 को थाना चक्रधरनगर में पदस्थ आरक्षक रविशंकर सिंह द्वारा चक्रधरनगर थाने के एक आरोपी को गिरफ्तारी का लाभ देने के लिए रुपए की मांग करने की सूचना मिली तो थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक अभिनव कांत सिंह को इसकी जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने निर्देशित किए। निरीक्षक अभिनव कांत सिंह, अपने एसपी को आरक्षक के विरूद्ध मिली सूचना को सही बताये और आज दिनांक 04.11.2020 को पुलिस अधीक्षक द्वारा आरक्षक रवि शंकर सिंह, थाना चक्रधरनगर को अपने दायित्वों के विपरित कार्य प्रदर्शन करने को लेकर तत्काल प्रभाव से निलंबित किये हैं। आरक्षक का निलंबित अवधि में मुख्यालय रक्षित केंद्र रायगढ़ रहेगा, जिसे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता
देय होगा।