

सिंहघोष/रायगढ़-
वैश्विक महामारी कोविड से आज हमारा राज्य और शहर भी अछूता नही है। अस्पतालों में लगने वाली भयावह भीड़ और वहां से निकलने वाली लाशों को देखकर कोई भी व्यक्ति विचलित हो सकता है। एक तरफ कोविड संक्रमितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है तो दूसरी तरफ हम आये दिन किसी न किसी अपने परिचितों और रिश्तेदारों को खो भी रहे हैं।
ऊपर से कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए कई प्रदेशों की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में सख्त लाकडाउन लगा दिया। इस संकट की घड़ी में लोग चाह कर भी अपनो की मदद नही कर पा रहे है।
विभाष कहते है सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कोविड महामारी की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग मेहनत कश वर्ग से है। अस्पताल में उनकी तकलीफों को देखकर मुझे एहसास हुआ कि थोड़ी सावधानी और उपयुक्त समय पर किए गए उपचार से लोग न केवल कोरोना से बच सकते हैं बल्कि उसे हरा भी सकते है।बीते दिनों खुद कोरोना संक्रमित होकर विभाष ने लम्बे समय के बाद समाजिक जीवन में वापसी की है। विभाष के अनुसार उन्होंने इस बीमारी और उसके दुष्परिणामों को काफी नजदीक से देखा है। ये तो उनका इलाज कर रहे सेवाभावी डॉक्टरों और मेडिकल टीम के अलावा अपनो की दुआएं साथ थी जिसने मुझे बुरे दौर में संबल दिया। इसलिए स्वस्थ होने के बाद सबसे पहले आप सबके प्रति हृदय आभार व्यक्त करना चाहूंगा। साथ छोटी सी भेंट के साथ यही कहना चाहूंगा। जब तक सभी को वैक्सीन नही लग जाती और कोरोना पर पूर्णत नियंत्रण नही हो जाता तब तक घर पर रहे फिजिकल डिस्टेंडिंग का सख्ती से पालन कीजिये,मास्क लगाइए और संतुलित आहार विचार के साथ घर पर रहिए सुरक्षित रहिये।।