शहर का वसुलीबाज,जरायमपेशा अपराधी प्रवित्ति का तथाकथित पत्रकार अमित पांडे पार्षद संजना शर्मा आत्महत्या मामले में गिरफ्तार…।। ठेकेदार व नेता के नाम व गिरफ्तारी पर सस्पेंस बरकरार…। कौन दे रहा इनको संरक्षण…??

सिंहघोष/रायगढ़-०१.०४.२२- आज निगम का बजट सत्र था। इसी बजट सत्र के बीच एक बड़ी खबर निकल कर आई। यह शहर सरकार के एक महिला पार्षद संजना शर्मा ने आत्महत्या कर ली। संजना शर्मा ने कल जहर खाया था लेकिन आज उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। भर्ती होने के चंद घंटों के भीतर ही उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। इसी बीच एक सबसे बड़ी खबर निकल कर आई। महिला पार्षद ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था। विश्व सूत्रों के अनुसार इसमें एक नेता, ठेकेदार और पत्रकार तक के नाम शामिल है। मामला बहुत हाइलाइटेड है पुलिस पर दबाव बहुत ज्यादा है। जरा ऐसे मामलों में सुसाइड नोट मीडिया में पब्लिक हो जाती है, लेकिन इस मामले में सिर्फ सस्पेंस है..?? पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। फिलहाल पुलिस के पास सुसाइड नोट है और इसके आधार पर शहर के वसुलीबाज नाम से प्रसिद्ध,पत्रकारों को बदनाम करने वाला,अपराधी प्रवित्ति के तथाकथित पत्रकार अमित पांडे को हिरासत में लेकर पूछताछ की व गिरफ्तार कर लिया है जिसे धारा 306 के अंतर्गत न्ययालय में पेश किया जाएगा। बीते दस वर्षों में दर्जनों पीड़ितों ने इस वसुलीबाज पत्रकार अमित पाण्ड के खिलाफ लिखित शिकायते भी की लेकिन अपनी चापलूसी,ब्लेकमेलिग की वजह से आज तलक इस पर कोई अपराध दर्ज नही हुवा शायद इसपर पहले ही नकेल कस दी जाती तो आज शहर की होनहार,युवा पार्षद हमारे बीच होती और ये पहले ही जेल में रहता।
सुसाइड नोट में ठेकेदार व नेता का जिक्र लेकिन…
चक्रधर नगर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। मामला कांग्रेस सरकार की पार्षद से जुड़ा हुआ है। संजना शर्मा के साथ एक दबंग कांग्रेसी नेता और एक निगम ठेकेदार के साथ नज़दीकियां पहले से ही जुबानी चर्चा में है। रायगढ़ के हर कांग्रेसी और मोहल्ले वाले तक को यह बात पता है। अभी तक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 50 से अधिक कांग्रेसी चक्रधर नगर थाने पहुंचे हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।वही अभी तक ठेकेदार,नेता का नाम सामने न आना यह भी सन्देहास्पद दिख रहा है क्योंकि जब सत्तारूढ़ दल की महिला पार्षद आत्महत्या में ही रसूखदार ठेकेदार,नेता बच जाएंगे तो आम आदमी का क्या होगा? सवाल उठना लाजिमी है इस मामले में राजनैतिक पार्टियों को भी अपना रुख साफ कर दोषियो पे कार्यवाही करने के लिए पुलिस के साथ आना चाहिए ओर ऐसे लोगो से अपने नाम जुड़ने से बचाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे किसी रशुखदार ठेकेदार व नेता को संरक्षण देने का आरोप न लगे।