तहसील कार्यालय रायगढ़ से सामने आया अनोखा मामला…।।

सुबह दिये स्टे आर्डर को तहसीलदार ने शाम बिना सुनवाई के खारिज किया…। पटेल बाबू ने मांगे थे 10 हजार, रकम नही मिलने पर,नही दिया आदेश की कॉपी…।।
सिंहघोष/रायगढ़-३०.०३.२२-राजश्व कार्यालय रायगढ़ में व्याप्त भयंकर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से आजीज आकर पीड़ित पक्ष(अधिवक्ताओं) ने हाल ही में एक हिंसक घटना को अंजाम दिया था। अभी उस घटना को शहर के लोग भूल भी नही पाए थे कि आज शाम राजस्व कार्यालय रायगढ़ से एक और ऐसी घटना पुनः प्रकाश में आई जिसे देख सुनकर यह आपके मुंह से बरबस निकल पड़ेगा,कि वाकई तहसील आफिस रायगढ़ भ्रष्टाचार का गढ़ है।
ताज़ा घटना क्रम में पीड़ित पक्ष पूरन खड़िया के बताए अनुसार ग्राम पंडरीपानी पूर्व में पीड़ित पक्ष(जो जाति से आदिवासी है)और शहर के एक नामचीन जमीन माफिया सुरेश रोहड़ा का जमीन विवाद चल रहा है। जिसे माफिया अपनी जमीन बताने में तुला हुआ है उस पर ग्रामीणों के बताए अनुसार वह सरकारी भूमि है जिस पर पीड़ित आदिवासी पक्ष दशकों से कब्जा-कास्त करता आ रहा है। अब शहरी माफिया उक्त भूमि पर जबरन कब्जा करने के फिराक में है।
इस भूमि के सीमांकन के लिए पीड़ित आदिवासी पक्ष दो बार आवेदन दे चुका है। आज इस क्रम में उसने आज पुनः पीठासीन महिला राजश्व अधिकारी नायब तहसीलदार श्रुति शर्मा के कार्यालय में विधिवत आवेदन देकर माफिया के गैरकानूनी कब्जे स्टे चाहा था। आवेदन लगाने और स्वीकृति के बीच राजश्व अधिकारी के बाबू परमेश्वर पटेल ने पीड़ित पक्ष से 1 हजार रु ले लिए और स्टे आर्डर दे दिया,पीड़ित पक्ष के बताए अनुसार पटेल बाबू ने उनसे 10 हजार रु की मांग की थी। लेकिन पीड़ित पक्ष इतनी रकम दे पाने में असर्मथ था इस वजह से देर शाम उन्हें जानकारी हुई कि जिस महिला राजस्व अधिकारी ने उन्हें उनके आवेदन पर विचार उपरांत स्टे आर्डर दिया था,उसी ने महज तीन घण्टे बाद भूमाफिया से कथित तौर पर मोटी रकम प्राप्त कर अपने ही दिए स्टे आर्डर को गैरकानूनी ढंग से बिना पीड़ित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए ही खारिज कर दिया।
मामले के सम्बंध में मिली अंतिम जानकारी यह है कि पीड़ित पक्ष सम्बन्धित महिला राजश्व अधिकारी श्रुति शर्मा उनके रीडर परमेश्वर पटेल और भूमाफिया सुरेश रोहड़ा के खिलाफ न केवल कलेक्टर रायगढ़ के समक्ष बल्कि अजाक थाने,राजश्व मंत्री छ ग और आदिवासी आयोग से आज लिखित शिकायत की है।
वही ममाले को लेकर नायब तहसीलदार श्रुति शर्मा का कहना है कि उनकी तरफ से की गई कार्यवाही में कुछ गलत नही है दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद निर्णय दिया गया है। इसके बावजूद मौके पर आर.आई और पटवारी को भेजा गया है उनकी रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो वो खुद मौके पर निरिक्षण के लिए जाएगी। इधर पीड़ित आदिवासी पक्ष की सुनवाई नही होने पर विवादित भूमि में भूमाफिया करीब 50 से 60 मजदूर लगा कर बेख़ौफ़ कब्जा करने में लगा है।