राज्य

छुट्टी में आये BSF जवान पर हुआ था जानलेवा हमला,चार महीने बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं,पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान?

नितिन सिन्हा की 🖋️से..

बीकानेर:- देश की सीमा/आंतरिक सुरक्षा में लगे देश के जांबाज़ जवानों को लेकर देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस कितनी गैर-जिम्मेदार है,इस बात के प्रमाण में दर्जनों घटनाएं आपके हमारे संज्ञान में है।।

अभी हाल ही में कर्नाटक राज्य में कोबरा कमांडो सचिन सुनील सावंत 23 अप्रैल 2020 को अपने घर के बाहर बिना मास्क के बाइक धोने की बात को लेकर अकारण लोकल पुलिस ने कमांडो सचिन से न केवल गम्भीर मारपीट की थी,बल्कि कमांडो सचिन सावंत को बालात उठाकर पुलिस हथकड़ियों के साथ थाने ले गई और उस पर एक कांस्टेबल का कॉलर पकड़ने तथा उससे मारपीट करने का आरोप लगाकर आईपीसी की धारा 353 (हमला करने या फिर बल से कर्तव्य को रोकने का प्रयास), 504 और 505 (जान-बूझकर शांति भंग करना) के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था।।

अभी इस घटना को लेकर देश के लोगो का गुस्सा पुलिस के दागदार आचरण को लेकर शांत ही नही हुआ था,कि अभी bsf के एक पीडित जवान का वीडियो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है।।

सोशल मीडिया में पीड़ित जवान जब जवान शिवरतन प्रजापत देश के जिम्मेदार नागरिकों,समाज सेवकों,पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपने साथ हुई ज्यादतियों को लेकर न्याय की मांग करता दिख रहा है।

सोशल मीडिया के वायरल सन्देश का तातपर्य यह है कि सीमा में देश की सुरक्षा का दायित्व निभाकर अपने गाँव घर वापस आता है तो यह महसूस करता है, कि अब वह सुरक्षित है।। लेकिन जवानों के प्रति देश के कुछ घृणित मानसिकता के लोगो का व्यवहार इतना गैरजिम्मेदाराना है कि जवान यह समझ ही नही पाते है कि जिनकी सुरक्षा के लिए वो दिन रात एक किये हुए है वही पीठ पीछे उनपर अचानक हमला कर देगा।।

ऐसा ही कुछ हुआ है 114 बटालियन BSF जवान शिवरतन प्रजापत के साथ।। BSF जवान शिवरतन 22 फरवरी 2020 को जब छुट्टी लेकर शाम सात बजे घर डूंगरगढ़ ( बीकानेर)पहुँचा तो घात लगाये बैठे पड़ोसियों ने धार दार हथियारों व लाठियो से हमला कर दिया।। शिवरतन जब तक कुछ समझ पाता तब – तक उन्होंने उस पर कई वार कर दिये।। आनन फानन से घर वालो ने बीच बचाव कर शिवरतन को छुड़ाया और पुलिस को सुचना दी लेकिन पुलिस मौके पर नही पहुँची तब घरवाले इलाज के लिये अस्पताल ले गये व प्राथमिक उपचार के बाद खुद पुलिस स्टेशन डूंगरगढ़ पहुँच कर एफआईआर दर्ज करवायी तब तक हमलावर अपने घर की महिलाओं को लेकर पुलिस स्टेशन पहुँच गया व जवान पर झूठा छेड़छाड़ को आरोप लगा कर एफ आई आर दर्ज करवा दी व समझोते के लिये दबाव बनाने लगे, लेकिन BSF जवान ने समझोते के लिये मना कर दिया।।

मामले को चार महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस हमलावरो को गिरफ्तार नही कर पाई व पुलिस भी जवान पर दबाव डालने लगी की आप समझोता कर लो, पुलिस के इस पक्षपात रैवेये से परेशान BSF जवान शिवरतन ने पुलिस अधीक्षक बीकानेर प्रदीप मोहन शर्मा से गुहार लगाई लेकीन निराशा ही हाथ लगी।

बहरहाल मीडिया ने जब sho डूंगरगढ़ से मामले के सम्बंध में फोन नम्बर 919530414492 पर बात की तो उन्होंने बताया कि मामले में काउंटर केश बनाया गया है पुलिस अभी दोनो तरफ की शिकायत पर जांच कर रही है।। आगे सबूत के आधार पर कारवाही की जाएगी।। छुट्टी पर आए bsf जवान शिवरतन प्रजापत फिलहाल ड्यूटी पर वापस चले गए हैं।।

इधर पीड़ित जवान का आरोप है कि पुलिस ने न्यायोचित कारवाही नही की जिससे हमलावरों का मनोबल बढ़ा हुआ है।। ऐसे में उन्हें पुलिस से निष्पक्ष कारवाही की अपेक्षा नही है।। देश के जवानों को लेकर पुलिस का आचरण सदैव से गैर जिम्मेदार ही रहा है।।

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