रायगढ़

बालसमुंद नाले पर भूमाफियाओं की गिद्ध नजर,अवैध कब्जे की नियत से घाट पर पटाई जारी..।

मेडिकल कालेज रोड पर नाले को पाटकर अवैध कब्जे का सिलसिला जारी,कोई जमीन की चौड़ाई बढा रहा है तो कोई अपनी जमीन तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने में लगा है..।।

सिंहघोष/रायगढ़:- शहर के मेडिकल कालेज से होकर गुजरने वाले बालसमुंद नाले के घाट पर इन दिनों स्थानीय भूमाफ़ियाओं की गिद्ध नजर लगी हुई है। इस क्रम में महीने दर महीने नाले की चौड़ाई कम होती जा रही हैं।। एक तरफ नाले से लगी कालोनियों के मालिक लगातार मुरुम पटाई कर नाले की प्राकृतिक स्थिति को बदलने में।लगे है तो दूसरी तरफ नाले के घाट को पाट कर स्थानीय जमीन दलाल अवैध कब्जा करते हुए छोटे-छोटे भूखण्ड जरूरतमंदों को ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं।

नाले के घाटों पर अवैध कब्जे का यह क्रम सूर्या विहार कालोनी के ठीक पीछे कौहाकुंडा,अतरमुड़ा वार्ड क्रमांक 26 से शुरू हुआ है जो पंचायत सचिव प्रशिक्षण केंद्र से होते हुए hp गैस गोदाम,vip कालोनी,साहेब राम नगर,मेडिकल कालेज रोड पुल के पास से कैलाश अग्रवाल की कालोनी तक जारी है। इतनी दूरी में हर कोई अपने हिसाब और सुविधा से नाले के घाट को पाटकर या तो अवेध कब्जा कर चुका है या करने में लगा है।इस वजह से बालसमुंद नाले का प्राकृतिक स्वरूप बड़ी तेजी से बदलने लगा है। एक दशक पहले छोटी नदी की तरह 12 महीने पानी से भरे रहने वाले इस नाले के घाटों की अच्छी चौड़ाई हुआ करती थी। परन्तु प्रशासन की लापरवाही और भूमाफियाओं के कभी न खत्म होने वाले लालच की वजह से बालसमुंद नाला अवैध कब्जों की भेंट चढ़ने लगा। आज की वर्तमान स्थिति को देखते हुए आप इस खूबसूरत प्राकृतिक नाले को शहरी नाला कहने लगेंगे।

मेडिकल कालेज पुल के पास जारी है पटाई और अवैध कब्जा-

इस साल की बीती बारिश में दो बार भयंकर उफान(बाढ़)आने पर बालसमुंद नाले का पानी जहां बस्तियों में घुस चुका था तो वही नाले के घाटों की चौड़ाई कम होने पर पुल के उपर से पानी बहने लगा था। इसी तरह करीब चार से पांच साल पहले नाले में बाढ़ के पानी के तेज बहाव की वजह से मेडिकल कालेज पुल क्षतिग्रस्त हो चुका था। इस बार के हालात भी कुछ ऐसे ही बन चुके थे,गनीमत यह रही कि पुल को नुकसान नही हुआ। परन्तु अगर जल्दी ही नाले के घाटों से अवैध कब्जे नही हटाये गए तो आने वाकई समय मे न केवल नाले का अस्तित्व संकटग्रस्त हो जाएगा बल्कि बारिश के दिनों में आसपास के क्षेत्र के डूबने की सम्भावना भी बनी रहेगी। इतना ही नही घाट पर लगातार अवैध कब्जो और पटाई के कारण इस पहाड़ी नाले के तेज बहाव के आगे मेडिकल कालेज को शहर से जोड़ने वाले एक मात्र पुल के टूट जाने की स्थिति भी निर्मित होगी। इसके लिए जरूरी है कि समय रहते प्रशासन मेडिकल कालेज के पास धीरे-धीरे नाले के घाटों पर जारी अवैध पटाई को बिना देर किए रोके।

इधर मेडिकल कालेज पुल के घाट पर नव-उदित भूमाफिया डाक्टर पिता पुत्र की नजर पड़ गई है। कथित तौर पर उन्होंने अतरमुड़ा के पूर्व सरपंच पटेल की सहायता से नाले घाट की सरकारी भूमि रकबा लगभग 7 से 8 डिसमिल की अवैध खरीदी वर्तमान सरपंच हीरा लाल खड़िया से साढ़े सात लाख रु में करते हुए एक लाख रु का बयाना देकर नाले के पाट को खरीदने का सौदा किया है,ताकि इन दो सरपंचों की सहायता से नाला घाट पर पटाई कर 30 फ़ीट चौड़ी सड़क बना लिया जाए जिससे नाले से थोड़ी दुरी पर स्थित भूमि खसरा क्रमांक 170 रकबा लगभग 65 डिसमिल जमीन तक पहुंच मार्ग बन जाए। गौरतलब हो कि पूर्व सरपंच के खाते की यह भूमि भूमाफिया डाक्टर नायक ने करीब एक करोड़ 11 लाख रु में खरीदने का सौदा किया है,चुकी वर्तमान में उक्त भूमि की सीधी कनेक्टिविटी सड़क से नही है अतः नाले के घाट ओर अवैध कब्जा कर मेडीकल कालेज की मुख्य सड़क से जोड़े जाने का प्रयास इनके द्वारा किया जा रहा है। ताकि भूमि को वापस से ऊंचे डर में बेचा जा सके। यह कार्य पूर्व सरपंच पटेल ने 2016 में भी करने का प्रयास किया था,उसने अपनी जमीन तक रास्ता बनाने की नीयत से नाला घाट पर अवैध पटाई के लिए दस बारह ट्रक मुरुम भी गिरा लिए थे। परन्तु स्थानीय ग्रामीणों को जैसे ही जानकारी मिली उन्होंने मीडिया कर्मियों मि सहायता से प्रशासन से सम्पर्क साध लिया। तत्कालीन sdm रायगढ ने फौरी कारवाही करते हुए नाले के घाट पर अतिक्रमण को रोक दिया था। इस बार भी दोनों सरपंचों की जुगल बन्दी से भूमाफिया डाक्टर को अवेध रूप से लाखों रु की रकम लेकर नाला घाट बेचे जाने से ग्रामीण नाराज हैं। उनके द्वारा मामले में sdm रायगढ़ सहित चक्रधरनगर थाने में लिखित शिकायत की तैयारी पूर्ण कर ली गई है।।

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button