छत्तीसगढ़

हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में स्टैग-हॉर्न पथरी की दो जटिल सर्जरी सफल

भिलाई के दोनों मरीज स्वस्थ, शीघ्र होंगे डिस्चार्ज

भिलाई – हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. नवीन वैष्णव और उनकी टीम ने बीते दो दिनों में स्टैग-हॉर्न कैलकुलस से पीड़ित दो मरीजों की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह विशेष प्रकार की किडनी स्टोन मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण बनती है और इसका आकार हिरण के सींग जैसा होता है, जिससे इसे निकालना अत्यंत कठिन होता है।

डॉ. वैष्णव ने जानकारी दी कि दोनों मरीज — जिनकी आयु क्रमशः 46 और 56 वर्ष है — भिलाई के निवासी हैं और लम्बे समय से पथरी की पीड़ा झेल रहे थे। स्टैग-हॉर्न पथरी किडनी के भीतर कई शाखाओं में फैली होती है, जिसे निकालने के लिए किडनी में अलग-अलग स्थानों से पहुँच बनानी पड़ती है। प्रत्येक सर्जरी में लगभग दो से ढाई घंटे का समय लगा।

सर्जरी के बाद दोनों मरीजों की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और उन्हें अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

डॉ. वैष्णव ने बताया कि यह प्रकार की पथरी तब बनती है जब मूत्र मार्ग में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया, विशेषकर Proteus mirabilis, यूरिया को अमोनिया में बदलते हैं जिससे मूत्र का पीएच बढ़ जाता है और वह क्षारीय हो जाता है। इस स्थिति में स्टैग-हॉर्न कैलकुलस बनने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लक्षणों में पसलियों और कूल्हों के बीच दर्द, मूत्र में खून या मवाद आना, अत्यधिक थकावट और बार-बार संक्रमण शामिल हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मूत्र की प्रकृति (अल्कलाइन या एसिडिक) और संक्रमण के प्रकार के अनुसार पथरी के प्रकार भी बदलते हैं और इलाज की पद्धति भी उसी के अनुसार तय की जाती है।

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