बिंजकोट मामले में पटवारी नूतन मिरी के विरुद्ध चक्रधरनगर थाने में जांच खुली..।मामले से जुड़े अन्य लोगों बयान के बाद क्रेता व अन्य की लोगों के विरुद्ध दर्ज हो सकता है एफ आई आर…।।

सिंहघोष/रायगढ़- प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज रोड पर शहर से लगे ग्राम बिंजकोट तहसील पुसौर थाना चक्रधरनगर में स्थित दो एकड़ आदिवासी जमीन की विवादित रजिस्ट्री में चक्रधरनगर पुलिस ने कलेक्टर रायगढ के निर्देश के बाद जांच खोल दी है।
गौरतलब हो बीते दिनों दस्तावेजो में फेर बदल करने वाले पटवारी व क्रेता की क्राईम फ्री इंडिया फोर्स ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत की थी।
जिंसमे क्रेता को लाभ दिलाने के उद्देश्य से तत्कालीन पटवारी नूतन मिरी ने शासन को मिलने वाले लाखो रुपये के राजस्व को चुना लगा दिया था। पुसौर ब्लाक में भूमि पंजीयन बचाने व क्रेता को लाभ दिलाने के मंसूबे से तात्कालीन पटवारी द्वारा दस्तावेजो में किये गए हेरफेर की शिकायत क्राईम फ्री इंडिया फोर्स द्वारा कलेक्टर,एस पी,जिला पंजीयक अधिकारी व चक्रधरनगर थाना से लिखित शिकायती आवेदन देकर किया गया था । बताना लाजमी होगा कि क्राईम इंडिया फोर्स द्वारा सौपे गए आवेदन में बताया गया था कि 4 जनवरी वर्ष 2020को पुसौर तहसील अंतर्गत स्थित बिंजकोट में मौजूद खसरा क्रमांक138/1रकबा 0.809हेक्टेयर भूमि का पंजीयन रायगढ़ अतरमुड़ा निवासी चन्द्रभान सिदार पिता जयकुमार सिदार के पक्ष में तात्कालीन पटवारी एन के मिरी द्वारा बनाये गए दस्तावेजो के आधार पर किया गया था ।परन्तु तात्कालीन पटवारी एन के मिरी व क्रेता चन्द्रभान सिदार द्वारा आपसी साठगांठ कर भूमि पंजीयन शुल्क बचाने के उद्देश्य को लेकर दस्तावेजो में हेरफेर कर भूमि क्रमांक138/1 में स्थित बेशकीमती सागौन के पेड़ों की संख्या ही गलत दर्शायी गयी। जहा तात्कालीन पटवारी मिरी द्वारा उक्त भूमि पर महज 5 सागौन पेड़ो की जानकारी अपने दस्तावेजो में प्रस्तुत की गई थी। तो वही कुछ माह पूर्व ही यहां के तत्कालीन पटवारी 24 अक्टूबर 2019 को एक और तात्कालीन पटवारी देवांगन के द्वारा उक्त सीमा पर 18 सागौन पेड़ होने की जानकारी प्रदान की गयी। बहरहाल मामले में कोई कार्रवाई न होने व उसकी गंभीरता को देखते हुए क्राईम फ्री इंडिया फोर्स द्वारा मामले के खुलासे का जिम्मा उठाया गया था । जिसके तहत अब इस मामले की निष्पक्ष जांच व फर्जी दस्तावेज प्रस्ततु कर शासन को राजस्व का चूना लगाने वाले क्रेता व सम्बन्धित तात्कालीन पटवारी पर उचित कार्रवाई की मांग को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, जिला पंजीयक शाखा व चक्रधरनगर थाना में लिखित आवेदन के माध्यम से शिकायत की गई थी।