रायगढ़

तहसील के सबसे विवादित पटवारी विनय त्रिपाठी आफिस अटैच,फिर भी चार्ज देने में आनाकानी…।

स्थानीय भूमाफ़ियाओं से सांठगांठ और नापजोक में तमाम गड़बड़ियों की लगातार आ रही थी शिकायतें

सिंहघोष/रायगढ़:- शहर में भूमि विवादों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अतरमुड़ा क्षेत्र के पटवारी विनय त्रिपाठी और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है।यही वजह है कि पटवारी विनय त्रिपाठी के विरुद्ध जिले में सर्वाधिक शिकायते की गई है। फिर वो चाहे किसानों या भूमि स्वामियों से अनावश्यक पैसौं की मांग का मामला रहा हो या विवादित भूमियों के दस्तावेजों बनाने से लेकर,भूमि के नापजोक में पैसे लेकर अपने हिसाब से गलत नक्शा बनाने की बात रही हों। विवादों ने कभी पटवारी विनय त्रिपाठी का पीछा नही छोड़ा है।

कहा जाता है कि शहर के विभिन्न हल्कों में पोस्टिंग के दौरान पटवारी विनय त्रिपाठी ने कई आपत्तिजनक कार्य किए है। जिससे विगत वर्षों में उसने अकूत सम्पत्तियां अर्जित की है। जो जांच का विषय है आय से अधिक सम्पत्ति रखने के मामले में भी इसकी कई शिकायतें की गई थी। परन्तु कायर्वाही सिफर रही। इस दौरान उसकी पदस्थापना छोटे अतरमुड़ा में हुई।क्षेत्र में सक्रिय दबंग जमीन दलालों के अलावा कुछ भूमाफ़ियाओं के साथ अवैध प्लांटिंग,कूटरचित नक्शा बनाना,आदिवासियों की जमीनों की अवैध खरीद बिक्री के अलावा सरकारी भूमि और शासकीय आबंटित भूमि के बिक्री दस्तावेजों के निर्माण में पटवारी विनय त्रिपाठी की संलिप्तता बनी रही। कहा तो यह भी जाता रहा है कि विनय त्रिपाठी और क्षेत्र के सक्रिय जमीन दलालों की चौकड़ी ने बड़े पैमाने में गड़बड़ झाले किए। इसे लेकर भी समय-समय पर इसकी शिकायतें की गई हैं।

इस क्रम में बीते दिनों मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने हुई अवैध प्लाटिंग के बहुचर्चित मामले में,गलत तरीके से बिक्री नक़ल जारी करने वाले विवादित पटवारी विनय त्रिपाठी की दो वेतन वृद्धि रोकने का आदेश प्रशासन ने जारी किया था ।
बता दें की कुछ दिनों पहले मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने आबंटन ज़मीन पर अवैध प्लॉटिंग का मामला मीडिया की सुर्खियों में था। दरअसल कुछ विवादित कालोनाइजरों के द्वारा आबंटन भूमि पर प्लॉट काट कर बेचा जा रहा था। जानकारी के अनुसार इस आबंटित भूमि पर तक़रीबन 9 लोगों के नाम प्लॉट काटकर रजिस्ट्री भी कर दी गई है। भूमि रिकार्ड के बारे में भली भांति जानकारी रखने वाले पटवारी विनय त्रिपाठी ने पेसौं की लालच में उक्त भूमि का एक दो नही बल्कि नौ अवैध बिक्री दस्तावेज बनाए थे। स्थानीय लोगों की माने तो इस आबंटित भूमि के विवादित दस्तावेजों को बनाने के एवज में जमीन कारोबारियों से पटवारी विनय त्रिपाठी ने कथित तौर पर मोटी रकम ली थी। जबकि पूर्व में भी उक्त भूमि के बिक्री दस्तावेजों को बनवाने के लिए हल्के में तब पदस्थ पटवारी मनहरण देवांगन को इन्ही जमीन कारोबारियों के द्वारा मोटी रकम की पेशकश और राजनीतिक रशुख का धौस भी दिया था,परन्तु उन्होंने स्पष्ट रूप से बिना कलेक्टर अनुमति के बिक्री नकल न देने की बात कही थी। ऐसे में उक्त शासकीय आबंटित भूमि को कलेक्टर अनुमति के बिना अथवा कॉलोनाइजर नियमो का सीधा उलंघ्न कर छोटे-छोटे टुकडो में नकल दिया जाना सन्दिग्ध है।

पैसौं की मांग को लेकर वर्ष 2018-19 में भी दो गम्भीर शिकायत विनय त्रिपाठी के नाम से की गई थी,तब उसकी पदस्थापना दरोगामुड़ा हल्के में थी। एक मामले में परेशान भूमि स्वामी कुशवाहा ने जमीन की बिक्री नकल प्राप्त करने के लिए पूर्व में पटवारी त्रिपाठी को 5 हजार रु देने के बाद और 10 हजार रु और मांगने पर दिए जाने के दौरान वीडियों रिकार्डिंग कर मीडिया कर्मियों और sdm रायगढ को उपलब्ध कराकर लिखित शिकायत दी थी। दूसरे मामले में सोनुमुडा निवासी शिकायत कर्ता राजेद्र तिवारी ने पटवारी विनय त्रिपाठी और स्थनीय भूमाफिया के विरुद्ध ऑनलाइन शिकायत करते हुए प्रशासन से कार्यवाही की मांग की थी।

पटवारी विनय त्रिपाठी से जुड़े विवाद यहीं खत्म नही होते,भूमाफियाओं को लाभ दिलाने के लिहाज से कई गलतियां की गई। जिंसमे दो महीने पूर्व कुजूर परिवार की महिला सदस्य मार्गेट कुजूर ने मीडिया को बताया था,कि जमीन दलाल राजेद्र पटेल और परमानंद मिश्रा के कहने पर उनसे मोटी रकम लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने की नीयत से पटवारी विनय त्रिपाठी ने हमारी भूमि में जबरदस्ती का विवाद पैदा किया था। फ़र्ज़ी दस्तावेजो और झूठे सीमांकन से काम न बनने पर हमें किसी तरह से डराकर जबरन हमारी जमीन के सामने का हिस्सा क्रेता चांदनी मरकाम को बेचकर पैसे कमाने में लगे दोनों कुख्यात जमीन दलालों ने मेरे पति पर जानलेवा हमला किया था। ये लोग ऐसी को पटवारी विनय त्रिपाठी के बनाये दस्तावेजों के आधार पर बेचने में लगे थे जो भूमि सड़क का हिस्सा है। पटवारी त्रिपाठी से मिलकर किसी तरह इन्होंने भूमि का नक्शा काट कर 4 डिसमिल जमीन का टुकड़ा बेचकर 12 लाख रु में सौदा कर लिया था।जिंसमे से आठ लाख रु नगद ले लिए थे। शेष रकम 4 लाख रु क्रेता को कब्जा दिलाकर लेना चाहते थे। जबकि हमारी भूमि का विधिवत सीमांकन कई बार किया जा चुका था। और हम अपनी जमीन पर शांति पूर्वक काबिज रहे है।

लगातार विवादों और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पटवारी विनय त्रिपाठी के विरुद्ध अब उसके ही समक्ष और विभागीय लोग भी मुखर होने लगे है। लगातार प्रमाणित शिकायतों के बाद रायगढ sdm युगल किशोर उर्वशा ने उसे दण्डित करते हुए 14 अक्टूबर 2020 से ही आफिस अटैच कर दिया है। तथा उसकी जगह अब नए पटवारी को प्रभार दिये जाने की घोषणा हो चुकी है। परन्तू विभागीय लोगों के ही द्वारा बिना नाम बताए यह कहना है,जब गम्भीर आरोपों से घिरे पटवारी विनय त्रिपाठी को आफिस अटैच कर दिया गया है तो वह नव पदस्थ पटवारी को प्रभार क्यों नही दे रहा है। हालांकि इस विषय मे sdm रायगढ का कहना है कि पिछले दिनों उनकी लगातार शिकायतें मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर उन्हें आफिस अटैच किया गया था,अभी धान खरीदी का पंजीयन डिस्टर्ब न हो जाये इस बात को ध्यान में रखकर दो दिन का अतिरक्त समय उन्हें दिया गया है।।

विभागीय लोगों की माने तो कथित तौर पर करीब एक दर्जन मामलों में पटवारी विनय त्रिपाठी के विरुद्ध चल रही है जांच,दो तीन अन्य बड़े और गम्भीर मामलों में हो सकती है उसके खिलाफ शिकायत..

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