रायगढ़

जिला मुख्यालय में खुलेआम ई स्टाम्प की कालाबाजारी,पंजीयक से 10 रु के स्टाम्प का 20 रु मांगा..।मुर्शीद कम्युनिकेशन के विरुद्ध जांच शुरू,रंगे हाथ पंजीयक ने दोगुनी कीमत लेते हुए पकड़ा था..।।

जिले के कई स्टाम्प वेंडर कालाबाजारी में शामिल,10,20और 50 के स्टाम्प की मनमानी कीमत वसूलते है.

सिंहघोष/रायगढ़-शहर और जिले में स्टाम्प की कालाबाजारी का कारोबार वर्षो से जारी है। इसे लेकर कई बार अनेक लोगों ने शिकायतें भी की परन्तु पंजीयक कार्यालय के अप्रत्यक्ष संरक्षण की वजह से समय रहते लालची वेंडरों पर कारवाही नही हुई। परिणाम स्वरूप कालाबाजारी में संलिप्त वेंडर निरंकुश और बेलगाम हो गए। ग्राहकों के द्वारा दोगुनी कीमत वुसलने पर सवाल करने से उनके द्वारा सीधे यह कहा जाने लगा कि जाओ जो करना है कर लो जहाँ शिकायत करनी है कर लो हम जितने पैसे बोल रहे है वो दोगे तभी स्टाम्प मिलेगा।

बीते दिनों सिविल कोर्ट के पीछे स्थित e स्टाम्प वेंडर मुर्शीद कम्युनिकेशन ने अधिवक्ता लोकनाथ केशरवानी से स्टाम्प की दोगुनी कीमत मांगी तो उन्होंने उक्त वेंडर के विरुद्ध जिला पंजीयक को लिखित शिकायत देकर कारवाही की मांग की। घटना को लेकर अधिवक्ता ने बताता कि सिविल कोर्ट रायगढ़ के पीछे स्टाम्प वेंडर मुर्शीद कम्युनिकेशन ने 22अक्टूबर 2020 को उनसे न केवल e स्टाम्प के निर्धारित मूल्य से दोगुनी कीमत मांगी बल्कि वजह पूछे जाने पर दुर्व्यवहार करने लगा। इस बात से आहत होकर उन्होंने जिला पंजीयक कार्यालय में लिखित शिकायत देकर कारवाही की मांग की। जिस पर पंजीयक महोदया ने उनसे कहा कि अधिकांश शिकायत की जांच खुलने के बाद शिकायत कर्ता बयान देने नही आते। जिससे जांच बीच में ही छोड़ना पड़ता है। उनकी इस बात का जवाब देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि आप शिकायत की जांच महीनों और सालों बाद शुरू करेंगी तो कौन बयान दर्ज कराने आएगा अगर आप सही में कारवाही करना चाहती है तो अभी चलिये स्टाम्प वेंडर के पास और अपनी आंखों से उसे कालाबजारी करते हुए देख लीजिए।

शिकायतकर्ता अधिवक्ता के सांथ जिला पंजीयक मैडम फ़ौरन उनके साथ उक्त वेंडर के पास पहुँच गई,उन्होंने उनसे 10 रु का स्टाम्प मांगा,जिस पर वेंडर ने 20 रु देकर एक घण्टे बाद आने को कहा। वेंडर के जवाब से नाराज पंजीयक मैडम ने न केवल उसे अपनी पहचान बताते हुए जमकर लताड़ लगाई,बल्कि उसके खिलाफ स्टाम्प को निर्धारित कीमत से अधिक पैसे वसूलने की कई शिकायतों का हवाला दिया। इधर अधिवक्ता लोकनाथ केशरवानी की शिकायत पर निष्पक्ष जांच कर उचित कारवाही का आस्वाशन दिया। उन्होंने 4 नवम्बर 2020 को कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज करवाने को कहा।

इधर यह कयास लगाए जा रहे है कि जिला पँजियक के द्वारा इस मामले में यदि समय रहते उचित दण्डात्मक कारवाही की जाती है तो शहर और जिले में स्टाम्प की कालाबजारी में संलिप्त लोगों(वेंडरों) के लिए एक यह बड़ा सबक होगा।

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