वाह वाह वाह!!क्या अजीब कुतर्क है संस्था एवं पद का उल्लेख नही करना चाहिए-शशिकान्त शर्मा

किसी महिला को छेड़ने के आरोपी जिसके विरुद्ध एफ आई आर पंजीबद्ध हो जाये क्या जिस संस्था से वह संबद्ध है,उस संस्था का स्वंयम्भू प्रोप्राईटर है इनका उल्लेख करना अवांछनीय कृत्य है??
जब जनाब खुद अपना परिचय दिन में 10 बार यह कह कर देते हों कि मैं इस संस्था का हूँ और इसमें इस पद पर काबिज हूँ.तब ” सिंहघोष“ ने इसका उल्लेख कर कुंभीपाक नरक में जाने जैसा अपराध तो नही ही किया है.
क्या बलात्कार के आरोपी कलेक्टर जे पी पाठक के पदनाम सहित समाचार नही चल रहे हैं??
क्या केवल जे पी पाठक लिखकर ही काम चलाया जा रहा है??नही नही बाकायदा कलेक्टर लिखकर न्यूज प्रकाशित हो रही है.अब रायगढ़ के मामले का आरोपी किसी कलेक्टर से बड़े पद वाला तो नही है.जो उसके पद तथा संस्था का हवाला न दिया जाए.
भइये फिर बड़े लोगों की,उनकी पहचान सहित समाचार डालने पर इतनी तिलमिलाहट-छटपटाहट-
बड़बड़ाहट-फड़फड़ाहट-घबराहट क्यों??