छत्तीसगढ़ में बेलगाम बसों की रफ्तार बनी जानलेवा, सरायपाली में दर्दनाक हादसा एक की मौत, कई घायल

सरायपाली । छत्तीसगढ़ में सड़कों पर दौड़ती यात्री बसें अब आम लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही हैं। परिवहन विभाग की निगरानी के अभाव में बस चालकों की मनमानी और लापरवाह ड्राइविंग ने फिर एक बार जान ले ली है।
तेज रफ्तार और लापरवाही बनी हादसे की वजह
सरायपाली थाना क्षेत्र में ग्राम नवरंगपुर रोड पर मंगलवार को जय स्तंभ चौक सरायपाली से ग्राम कलगीडीपा जा रही बस (CG 19 F 0441) अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में एक यात्री की मौके पर मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
मृतक यात्री की पहचान ग्राम भटोरा थाना सारंगढ़ निवासी घुरऊ चौहान के रूप में हुई है, जो अपने ससुराल ग्राम बिछिया से लौटते वक्त इस हादसे का शिकार हुआ। हादसे में घुरऊ चौहान की कलाई में गंभीर चोटें आईं, जबकि अन्य घायलों में गुरूवारी यादव, रंजीता कलारी, कु. अश्विनी मांझी समेत कई लोग शामिल हैं। घायलों का इलाज सरायपाली के शासकीय अस्पताल में किया गया।
चालक पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी बस चालक के खिलाफ धारा 184-LKS, 106(1)-BNS, 125(a)-BNS, 125(b)-BNS और 281-BNS के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अनियंत्रित परिवहन व्यवस्था पर सवाल
यह हादसा छत्तीसगढ़ में यात्री बसों की स्थिति और परिवहन विभाग की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अधिकांश बसें तय रूट और गति नियमों की अवहेलना कर कहीं भी रुकती हैं, तेज रफ्तार से दौड़ती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसे हादसे अब रोजमर्रा की बात बनते जा रहे हैं, मगर शासन की ओर से महज मुआवजा और शोक संवेदना जताने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखती।
क्या बसों की रफ्तार पर लगेगा अंकुश?
यह समय है जब सरकार को गंभीरता से यह सोचना होगा कि क्या हर हादसे के बाद केवल राहत की घोषणा ही पर्याप्त है? या कोई ऐसा स्थायी समाधान निकाला जाए जिससे छत्तीसगढ़ की सड़कें यात्रियों के लिए सुरक्षित बन सकें।
यात्री बसों के लिए गति सीमा, तकनीकी जांच, GPS निगरानी, और प्रशिक्षित चालकों की अनिवार्यता जैसे प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करना अब वक्त की मांग है।