
ओपी और बीजेपी का सेट परीक्षा पर झूठा बयान।मोदी सरकार के कोरोना काल मे दर्जनों परीक्षा और परिणाम लम्बित ??
चुनाव आचार संहिता-कोरोना लॉकडाउन में रिजल्ट कैसे आते ओपी?

सिंहघोष/रायगढ़! योग्यताओं के आधार पर छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी व्यापम का गठन किया गया जिस के अनुरूप शिक्षित बेरोजगारों के विषय तथा शैक्षणिक योग्यतानुसार निर्धारित पदों के अनुसार परीक्षा में अंक के तहत उनके परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर मापदंड के अनुसार शासकीय नोकरी में आने के प्रयोजन निर्धारित किए जाते हैं पर मानवीयता और माननीय न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करके भाजपा के तथाकथित नेता इस पर आविश्वसनीयता फैलाने के बयान जारी कर के हंसी के पात्र बनकर नासमझी की सीढ़ी चढ़ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के सचिव अनिल अग्रवाल ने भाजपा के तथाकथित युथ आयकॉन ओपी चौधरी के व्यापम द्वारा आयोजित सेट परीक्षा 2019 पर दिए गए घटिया बयान पर छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं और शिक्षित जनों के मध्य हकीकत प्रस्तुत की और बताया कि तत्कालीन भाजपा सरकार के मुखिया डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा 17 सितंबर 2017 में आयोजित हुई जिस पर भाजपा सरकार ने सेट परीक्षा का परिणाम 27 मार्च 2018 में निकाला अर्थात 7 माह पश्चात व्यापम ने परिणाम घोषित किया।
प्रदेश कांग्रेस के सचिव अनिल अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस की सरकार आने के पश्चात व्यापम द्वारा आयोजित सेट परीक्षा 2019 के प्रवेश फार्म भरने में परीक्षार्थियों के रूप में आरक्षण के तहत दिव्यांग जनों के द्वारा आरक्षण के विषय पर माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष रिट लगाई और जिस पर वर्तमान कांग्रेस की सरकार के व्यापम के द्वारा निर्धारित आरक्षण पर दिव्यांग विशिष्ट जनों के पक्ष को माना और उनके आरक्षण के प्रतिशत बढ़ाने के लिए केवल दिव्यांग जनों को फिर से फार्म जमा करने के लिए समय प्रदान किया अपितु समय के अनुरूप इस सेट-परीक्षा को करवाने के लिए हर प्रकार की बाधा को दूर करने का प्रयास किया गया और सफलतापूर्वक सेट-परीक्षा का आयोजन 8 सितंबर 2019 को किया गया जिसके पास जिसके पश्चात छत्तीसगढ़ प्रदेश में नगर पंचायत नगर पालिका, नगर निगम के नगरीय चुनाव तथा इसके तुरंत बाद सरपंच जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए जिसके तहत राज्य निर्वाचन आयोग,छत्तीसगढ़ ने लगभग 4 माह की आचार संहिता लगाई जोकि भाजपा के तथाकथित आईकॉन को भी मालूम है और जिसके कारण ही आचार संहिता फरवरी के अंत और मार्च के शुरुआत तक रही फिर भारत सहित छत्तीसगढ़ में विदेशी बीमारी कॅरोना-19 का पदार्पण हो चुका था और छत्तीसगढ़ की जनता के मध्य स्पष्ट है कि यह विदेशी बीमारी के जिम्मेदार भाजपा की केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी ही है। दम भरके छत्तीसगढ़ की जनता का प्रश्न स्वयंभू यूथआइकान नरेंद्र मोदी से पूछे कि 23 मार्च से लगे लाग डाउन की अवधि लगभग मई तक रही जिसमें की केंद्र सरकार के द्वारा दर्जनों परीक्षाओं को परीक्षाओं के साथ उनके परिणामों को निरंतर लंबित किया गया तो ऐसी स्थिति में व्यापम-छत्तीसगढ़ के द्वारा परिणाम कैसे घोषित किए जाते? जबकि व्यापम-छत्तीसगढ़ में भी काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी इंसान ही है जोकि भाजपा की केंद्र सरकार के अकर्मण्यता के कारण फैली विदेशी बीमारी कॅरोना-19 से डरे सहमे थे और मोदी द्वारा लगाए गए कॅरोना19 लॉकडाउन के नियमों का पालन भी कर रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस के सचिव अनिल अग्रवाल ने भाजपा के तथाकथित यूथ आईकॉन ओपी चौधरी से कहा कि व्यापम, छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित सेट परीक्षा समाज के प्रतिष्ठित दिव्यांग जनों के आरक्षण बढ़ने, चुनाव आचार संहिता के 4 माह लगभग,बीजेपी की मोदी सरकार की नाकामी से फैली विदेशी बीमारी करुणा19 के तथ्यों को स्वीकारें और उसके पश्चात ओपी चौधरी स्वयं निर्णय करेगी यदि सेट-परीक्षा सितंबर माह 2019 में हुई परीक्षा का परिणाम 4 माह के आचार संहिता और कॅरोना19 के 3 माह के लगभग लागडाउन अर्थात 9 में से 7 माह घटाने पर कुल 2 माह आता है में सेट परीक्षा 2019 का परिणाम परिणाम आया जिसमें 43274 परीक्षा देने वाले लोग थे तो इसकी वाहवाही कांग्रेस सरकार के व्यापम के अधिकारियों कर्मचारियों को मिलनी चाहिए जिन्होने कॅरोना19 के काल मे भी अथक मेहनत करके परिणाम घोषित किया जबकि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में सेट परीक्षा का परिणाम 7 माह में आया था।
अनिल अग्रवाल-चिकू
सचिव-प्रदेश कांग्रेस कमेटी
छत्तीसगढ़…