स्वास्थ विभाग की जॉइंट डायरेक्टर पहुँची रायगढ़…। मृतक राकेश चौहान के परिजनों से मिल ली जानकारी…।।

सिंहघोष/रायगढ़- शहर में बीते कल म्युनिसिपल स्कूल वैक्सिनेशन सेंटर में को-वैक्सीन की सेकेंड डोज लगने के बाद हुई युवक की मौत मामले में आज जांच के लिए रायपुर से स्वास्थ्य महकमे की जॉइंट डायरेक्टर मधुलिका सिंह रायगढ़ पहुंची।बता दें की कल दोपहर रेलवे बंगला पारा कॉलोनी निवासी राकेश चौहान की वैक्सीन लगने के उपरांत ऑब्जर्वेशन रूम में तबियत
बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया था।इधर सीएमएचओ केसरी ने प्रेस नोट जारी कर कहा था की जिस वायल से राकेश को वैक्सीन लगी है। उसी वायल से 9 अन्य लोगों को भी वैक्सीन लगाई गई है।और सभी 9 लोगों की तबियत बिल्कुल ठीक है इसलिए उन्होंने कल ही स्पष्ट कर दिया था। की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा।
उल्लेखनीय है की मृतक राकेश चौहान को कोवैक्सिन का पहला डोज 23 अप्रैल को लग चुका था।और कल उसे कोवैक्सिन का दूसरा डोज दिया गया था। जिसके कुछ मिनट बाद राकेश की मौत हो गई। घटना के प्रकाश में आते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के होश उड़ गए परिजनों का आरोप था कि वैक्सीनेशन सेंटर में टीका लगाने के पूर्व 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों की किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जांच नही की जा रही थी न ही वैक्सीनेशन सेंटर में किसी भी प्रकार की आपातकालीन मेडिकल सुविधा उपलब्ध थी। इस बड़ी लापरवाही की वजह से मरहूम राकेश की मौत हुई है। इधर शाम तक स्वास्थ्य विभाग ने मौत का कारण वेक्सीन को नही बताते हुए प्रेस नोट जारी किया था। और मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद बताने की बात कही थी। आज सुबह 11 बजे मृतक की कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिब आने के बाद पोस्टर्माटम प्रक्रिया पूरी कर शव मृतक के परिजनों को सौंप दिया गया।
दूसरी तरफ ममाले कि जांच में पहुंची जॉइंट डायरेक्टर ने भी मृतक के परिजनों से भेंट कर घटना की जानकारी ली। उन्होंने मीडिया को बताया कि इस मामले में राजधानी से जांच परीक्षण करने आई स्वास्थ विभाग के संयुंक्त संचालक मधुलिका सिंह ने मीडिया को बताया कि ऐसा केस लाखों में एकाध होता है। हम इसका परीक्षण करेंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के बाद पता चलने की उम्मीद है कि अचानक इस व्यक्ति की मृत्यु कैसे हुई। उसके परिजनों ने हालांकि वैक्सीन लगाने के तरीके पर सवाल उठाया और न्याय की मांग की है। वैक्सीन लगते वक़्त जो SOP का पालन किया जाना चाहिए उसका पालन वैक्सीनेशन सेन्टर पर नहीं हो रहा है।