रायगढ़

जंगली हाथियों के जानलेवा उत्पात के बीच वन विभाग ने विश्व हाथी दिवस मनाया…। Dfo ने प्रेस वार्ता आयोजित कर जागरूकता रथ को रवाना किया….।।

सिंहघोष/रायगढ़-12.8.21-जिले में औद्योगिकरण के दौर में हाथियों और इंसानों के बीच लगातार हो रही मुठभेड़ के बीच वन विभाग ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिहाज से आज जिला मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित की थी। जिंसमे जिले के d f o प्रणव मिश्रा ने हाथी दिवस की महत्ता बताते हुए,जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की तैयारियों से जुड़ी जानकारियां मीडिया से शेयर की और एक जागरूकता रथ को भी रवाना किया। जो आज से जिले के हाथी प्रभावित इलाको में घूमते हुए ग्रामीणों को न केवल जागरूक करेगा,बल्कि उनकी सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

जिला वनमण्डला अधिकारी श्री मिश्रा ने प्रेस को बताया कि जिले का वन विभाग आपात कालीन परिस्थितियों में हमेशा सजग रहता है। वन विभाग के बीट गार्ड को इस बात का विशेष निर्देश दिया जाता है कि वो बीट हाउस एयर उसके क्षेत्र में पूरी सजगता से सेवा दे।
हालाकि पत्रकारों के द्वारा उनसे यह पूछने पर अभी दो दिन पहले धर्मजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत ग्राम ओंगना में अपने दल से अलग हुए एक जंगली हाथी ने घुस कर एक ग्रामीण की जान ले ली थी। क्षेत्र के लोग लगातार हाथियों के झुंड के गांव के पास आने की सूचना वन विभाग और सम्बन्धित बीट गार्ड को देते रहे परन्तु उन्हें कोई सहायता नही मिली न ही बीट गार्ड मौके पर आ पाया.? पर उंन्होने कहा कि जांच के आदेश दिए गए है अगर लापरवाही मिली तो निश्चित ही उसे निलम्बित किया जाएगा। पहले भी इस तरह की करवाही की गई है। इसके अलावा प्रेस वार्ता में पत्रकारों के द्वारा किये गए कई महत्वपूर्ण सवालों को dfo रायगढ़ टाल गए। मसलन वन विभाग रायगढ़ आर टी आई के आवेदनों की जानकारियां नही देता है। तथा बारिश के मौसम में प्रतिबंध के बावजूद इंदिरा बिहार से बहुचर्चित सैकड़ो हरे भरे बॉसों की कटाई पर भी वो स्पष्ट जवाब नही दे पाए।

वही कार्यक्रम में विशेष रुप से बुलाए गए अंचल के सुविख्यात सर्प मित्र विनितेश तिवारी ने मीडिया कर्मियों के माध्यम से सर्प और इंसानों के बीच बेहतर माहौल बनाने के लिहाज से सर्पो के साथ हमें किस तरह से पेश आना चाहिए इस विषय पर प्रकाश डाला गया।

कार्य्रकम के समापन के बात जिले के सक्रिय हाथी विशेषज्ञ सजल मधु ने बताया कि हाथी दिवस मनाने की सार्थकता तब सिद्ध होगी जब ग्राउंड लेबल पर वन कर्मी और अधिकारी काम करते दिखेंगे। बीते सालों में अकेले धर्मजयगढ़ क्षेत्र में 156 इंसानों और 45 हाथियों की मौत यह बताने के लिहाज से पर्याप्त है कि वन विभाग हाथियों से सुरक्षा के लिए कितना जिम्मेदार है.रही बात बीट गार्ड की तो बीते दिन ओंगना के ग्रामीणों ने गांव में हाथी घुसने की सूचना देने के लिए सैकड़ो बार सम्बन्धित बीट गार्ड को फोन किया,मगर उसने न तो फोन उठाया न वो घटना स्थल पर आया। परिणाम स्वरूप उस जंगली हाथी ने घर मे घुस कर एक व्यक्ति को पटक-पटक कर मार डाला।।

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