राज्य

अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की सक्रियता से अहमदाबाद के फंसे तीन सौ मजदूरों को पहुंची मदद..

राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कलावड़िया और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितिन सिन्हा की पहल.. रात 8 बजे पुलिस आंदोलन के प्रणेता भाई राकेश यादव जी का संदेश आया।।

भाई साहब,गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से करीब 40 किमी दूर एक स्थान पर हमारे छ्ग राज्य के करीब तीन सौ मजदूर फंसे पड़े है।। उन्हें तत्काल मदद की आवश्यक्ता है।। मजदूर सदःयों में कुछ गर्भवती महिलाएं भी है।। कुछ छोटे बच्चे है।। उन्हें राशन के अलावा दवाई और चिकित्सा की जरूरत है।। उन्होंने

जल्दी ही राशन नही मिला तो उनकी समश्याएँ बढ़ जाएगी,दूध और दवा के अभाव में गर्भवती महिलाओ और बच्चों का बुरा हाल है।। गुजरात की स्थिति किसी से छुपी नही है।।

उनका संदेश पढ़ने के बाद पूरा घटनाक्रम आंखों के सामने से गुजर गया।

राकेश भाई के दिये नम्बर पर मजदूर साथी जितेंद्र रात्रे से बात हुई।। उन्होंने अपनी परेशानी बताई।। कहा बिलासपुर,मस्तूरी,जांजगीर के करीब 300 मजदूर परेशान है।। उन्होने अपना लोकेशन और सभी मजदूरों का आधार कार्ड नाम और वीडियो सन्देश भेजा।।

सुबह 9 बजे मेरी बात गुजरात के राजकोट निवासी अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई जिग्नेश कलावाडिया जी से हुई।उन्होंने आश्वस्त किया जल्दी है उन तंक मदद पहुंच जाएगी।। आप निश्चिन्त रहे यह गुजरात की धरती है।। हमारे यहां जल्दी से कोई भूखा नही सोता।। दोपहर बारह बजे तक मजदूर भाई जितेंद्र रात्रे से बात हुई उन्होंने बताया कि कुछ पत्रकार साथियों का फोन आया है।। वे जल्दी ही मदद के लिए बोले है।। साथ ही थोड़ी देरी में इस ठेकेदार का भी फोन आ गया था। जो हमे परेशानी में छोड़ कर लापता हो गया था।।
इधर मेरी बात प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जांजगीर जिला अध्यक्ष चौलेश्वर चंद्राकर जी से भी हुई उन्होंने भी आस्वस्त किया।। वो प्रयास करेंगे कि हर सम्भव आज ही मदद मिल जाये।

शाम पांच बजे वरिष्ठ पत्रकार भाई जिग्नेश का फोन आया आपके राज्य के मजदूर भाइयों को मदद मिल गई है।। आप फोन कर कन्फर्म कर ले।।लाकडाउन तंक उन्हें कोई और परेशानी न हो ऐसा प्रयास हम करेंगे।। उनकी बात सुनकर उन्हें आभार व्यक्त करने के थोड़ी ही देरी बाद जब मेरी बात मजदूर भाई जितेंद्र से फोन पर हुई तो उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे तक सभी मजदूरों तक राशन और जरूरी सामान पहुंच गया था।। हम व्यवस्थित करने में लगे थे अतः आपको फोन कर सूचना देने से पहले ही आपका फोन आ गया।। धन्यवाद आपका।।

इस तरह शाम 5 बजे तक सभी छत्तीसगढ़ी मजदूर भाई-बहनों और उनके बच्चों को मदद पहुंच गई।।

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